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रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोविड-19 महामारी से मृत व्यक्तियों के बच्चों को मिलेगी निःशुल्क शिक्षा

रायपुर, 31 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना महामारी से मृत छत्तीसगढ़ के निवासियों के बेसहारा बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदाय किए जाने के उद्देश्य से शासन द्वारा ‘छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना 2021’ के क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार योजना का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत ऐसे पात्र स्कूलों में प्रवेशित छात्रों को कक्षा पहली से 8वीं तक पांच सौ रुपये प्रति माह और कक्षा 9वीं से 12वीं तक एक हजार रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में विगत 18 मई को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में महतारी दुलार योजना लागू करने के संबंध में निर्णय लिया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा महतारी दुलार योजना के क्रियान्वयन के संबंध में पत्र जारी कर सभी जिला कलेक्टरों से अनुरोध किया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग के समन्वय एवं योजना का प्रचार करते हुए अधिक से अधिक पात्र विद्यार्थियों को योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। जारी अधिसूचना अनुसार छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना 2021 शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू की जा रही है। योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के मूल निवासी परिवारों से संबंधित बेसहारा बच्चों को मिलेगा। इस योजना की पात्रता शर्तों में ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो। इसके अलावा बेसहारा बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए पात्रता रखते हों और जिनके घर में कमाने वाले व्यस्क सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना के तहत पात्र पाए गए बच्चों को प्रदेश के शासकीय शालाओं में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे पात्र बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी तथा उनके शिक्षा का सम्पूर्ण व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। ऐसे बच्चे जिनके कमाने वाले माता-पिता की मृत्यु हो गई उन्हें निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। पात्र छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण, कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र

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