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ऑपरेशन ‘कोरोना वारियर्स’ और देश में कोविड-19 की दोनों लहरों के दौरान आईटीबीपी की भूमिका विशिष्ट

नई दिल्ली, 10 मई (हि.स.)। कोरोना वायरस (कोविड -19) को 11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक वैश्विक महामारी घोषित किया गया। दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के कारण भारत में इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोकना और इससे आबादी को बचाए रखना एक कठिन कार्य था। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एस एस देसवाल ने देश के नागरिकों के लिए इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य खतरे से निपटने का बीड़ा उठाया। इस महामारी के दौरान आईटीबीपी द्वारा किए गए असाधारण प्रयासों को सही प्रकार व्यृवस्थित किया गया। यह 135 करोड़ नागरिकों के देश में फैले कोविड -19 के खिलाफ आईटीबीपी के योगदान की गाथा है जो वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने बताया कि आईटीबीपी ने तीन कोविड केयर सुविधा केंद्रों को स्थापित किया। इसमें पहला आईटीबीपी छावला शिविर में क्वारिंटीन केंद्र 28 जनवरी, 2020 से), दूसरा - रेफरल अस्पताल, ग्रेटर नोएडा (1 मई, 2020 से) और तीसरा- सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर व अस्परताल (एसपीसीसीसी) नई दिल्ली, छतरपुर में 7 जुलाई, 2020 से। आईटीबीपी छावला कैंप में क्वारिंटीन केंद्र प्रवक्ता के अनुसार, भारत सरकार ने आईटीबीपी के छावला शिविर, नई दिल्ली में पहली बार जनवरी, फरवरी, 2020 में वुहान, चीन से निकाले गए लोगों के लिए क्वारिंटीन सुविधा केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया। आईटीबीपी ने 28 जनवरी, 2020 को अपने संसाधनों से भारत में एक हजार बिस्तर क्षमता वाला सबसे बड़ा क्वारिंटीन केंद्र स्थापित किया। डीजी आईटीबीपी ने स्वंय की निगरानी में इस केंद्र को केवल 48 घंटों में ही तैयार करवाया। आईटीबीपी क्वारिंटीन केंद्र में विभिन्ना समूह फरवरी 2021 तक, कुल 7,172 यात्रियों और बल के जवानों को क्वारिंटीन कर उनका इलाज किया गया। इसके साथ ही आईटीबीपी ने 64 विदेशी नागरिकों जिसमें बांग्लादेश, चीन, म्यांमार, मालदीव, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और मेडागास्कर सहित सात मित्र देशों के नागरिकों शामिल थे जिनको यहां सफलतापूर्वक क्वागरंटीन किया। यहां ठहरे विभिन्न दलों का विवरण निम्न है -पहला बैच एक फरवरी, 2020 को वुहान, चीन से 103 लोगों को लाया गया। -दूसरा बैच 27 फरवरी, 2020 को चीन के वुहान से 112 लोगों को लाया गया। -तीसरा बैच 21 इटालियन और 3 भारतीयों को 3-4 मार्च, 2020 को इस केंद्र में लाया गया। -चौथा बैच 15 मार्च, 2020 को इटली के मिलान से 218 लोगों को लाया गया। -पांचवां बैच 27 फरवरी, 2020 को रोम, इटली से 263 लोगों को लाया गया। -छठा बैच 30 मार्च से सात अप्रैल, 2020 तक 87 एमईए राजनयिकों को लाया गया। आईटीबीपी ने एक आदर्श क्वारिंटीन केंद्र बनाने और उसको स्थापित करने के लिए सभी प्रयास किए। इसमें महिलाओं, बच्चों और परिवारों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई। दिनांक 10.02.2021 तक क्वारिंटीन केंद्र का विवरण -क्वामरंटीन किए गए कुल यात्रियों व बल कार्मिकों की संख्या 7,172 -विदेशी नागरिकों की कुल संख्या 64 लॉकडाउन के समय और उसके बाद ड्यूटी के दौरान कंटेंनमेंट जोन, कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा ड्यूटियों के दौरान बहुत से बल कार्मिक कोरोना संक्रमित हो गए तथा दिल्ली-एनसीआर में स्थित कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल पहले से ही मरीजों की अधिकता के चलते भारी दबाव में थे, यह उचित समय था जब आईटीबीपी ने अपने आईटीबीपी रेफरल अस्पताल, ग्रेटर नोएडा को सीएपीएफ, असम राइफल्स, सीपीओ के संक्रमित कार्मिकों और सेवानिवृत्त कर्मियों तथा उनके परिवार के संक्रमित लोगों के लिए बल ने समर्पित किया। आईटीबीपी रेफरल अस्पताल, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश वर्ष 2015 में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के लिए स्थापित आईटीबीपी रेफरल अस्पताल एक विशिष्टय अस्पताल है। यह उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित 200 बेड का अस्पताल है। महामारी के दौरान सेवानिवृत्त बल के कर्मियों को विशेष देखभाल के लिए भर्ती कराया गया था। दो मई 2020 से अस्पताल में उनका इलाज किया गया और यहां 1950 से अधिक रोगियों का 10 फरवरी 2021 तक सफलतापूर्वक उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज किया गया। पीपीई किट और फेस मास्क का निर्माण पूरे देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण, देश में एसडब्यूएस और एफएलडब्लू (फ्रंट लाइन वर्कर्स) के लिए पीपीई किट और मास्क की बड़ी जरूरत थी। उस समय आईटीबीपी ने अपने संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए एस एस वाहिनी, सोनीपत, हरियाणा में पीपीई किट व फेस मास्क बनाने का काम शुरू किया जिसका प्रयोग बल के जवानों के साथ-साथ अन्य सहयोगी संगठनों ने भी किया जो उस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे थे। सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर तेजी से बढ़ते कोविड-19 मामलों के कारण हल्के लक्षणों वाले रोगियों की देखभाल करने के लिए बड़ी सुविधाओं की आवश्यकता थी जिसको देखते हुए 23 जून को, भारत सरकार ने आईटीबीपी को तत्कादल 10 हजार बेड वाला कोविड केयर सेंटर जिसका नाम सरदार पटेल कोविड-19 केयर सेंटर रखा गया और इसका संचालन का कार्य सौंपा। सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर में पांच जुलाई, 2020 से 22 फरवरी, 2021 तक रोगियों का विवरण -कुल एडमिशन- 12,057 (लगभग 100 विदेशी नागरिक शामिल हैं) -उपचार के बाद छुट्टी- 11657 -रेफर – 338 आईटीबीपी छावला कैम्प कोविड केयर सेंटर 14 अप्रैल, 2021 से छावला कैंप, नई दिल्ली में आईटीबीपी के लिए एक प्रमुख कोविड देखभाल व्यवस्था के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया। यह शुरू में 50 बिस्तरों के लिए बनाया गया था, यहां जरूरत के अनुसार कुछ ऑक्सीजन बेड भी उपलब्ध हैं। इस कोविड-19 देखभाल सुविधा में सेवारत और सेवानिवृत्त आईटीबीपी कर्मियों उनके परिवार के सदस्यों और अन्य सीएपीएफ, सीपीओ और अन्य सहयोगी संगठनों के जवानों का इलाज किया जा रहा है। वहीं नौ मई, 2021 तक इस केंद्र ने 147 कोविड-19 रोगियों को भर्ती किया था, जिनमें से 75 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई । वर्तमान में 59 रोगी इस केंद्र में भर्ती हैं और उनका उपचार जारी है। आईटीबीपी रेफरल अस्पताल, ग्रेटर नोएडा देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान, आईटीबीपी रेफरल अस्पताल ने कोविड-19 रोगियों की समर्पित तरीके से सेवा की। अस्पताल ने एक बार फिर से 16 अप्रैल, 2021 से कोविड केयर अस्पताल के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया। आईटीबीपी के कर्मियों उनके परिवार के सदस्यों और अन्य सीएपीएफ, सीपीओ और अन्य सहयोगी संगठनों के सेवारत और सेवानिवृत्त लोगों का इस कोविड देखभाल सुविधा में श्रेष्ठ संभव इलाज किया जा रहा है। नौ मई 2021 तक रेफरल अस्पताल में कुल रोगियों की संख्या -कुल मरीज -375 भर्ती हुए -कुल रोगियों की छुट्टी -243 -नौ मई, 2021 को वॉर्ड में कुल रोगी -93 इस अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत को देखते हुए आईटीबीपी ने रेफरल अस्पताल में समर्पित ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए संबंधित कार्यालयों को पत्र लिखा। कुछ ही दिनों में इटली के सहयोग से छह मई, 2021 को इस अस्पताल में एक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया गया। भारत में इटली के राजदूत विन्सेन्ज़ो डी लुका ने इस ऑक्सीजन संयंत्र को स्विच ऑन किया। केंद्र में भर्ती कोविड-19 रोगियों को संयंत्र एक समय में 100 से अधिक बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर राधा स्वामी ब्यास में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 500 ऑक्सीजन युक्त बेड का संचालन कोविड-19 संक्रमण दिल्ली में तेजी से बढ़ रहा था, गृह मंत्रालय ने सरदार पटेल कोविड केयार सेंटर, राधा स्वामी ब्यास में 22 अप्रैल, 2021 को कोविड-19 रोगियों के लिए 500 ऑक्सीजन वाले बेड के संचालन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में आईटीबीपी नामित किया था। फोर्स ने दक्षिण दिल्ली जिले के जिला प्रशासन के सहयोग से सुविधा के प्रबंधन के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ और स्ट्रेस काउंसलर की सेवाएं प्रदान करने हेतु तैयारियां शुरू की। आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने 25 अप्रैल, 2021 को व्यक्तिगत रूप से इस सुविधा का दौरा किया और चिकित्सा और प्रशासनिक दल का मनोबल बढाया। बल ने 26 अप्रैल, 2021 को केंद्र का औपचारिक कामकाज शुरू कर दिया। आवश्यक दिशा-निर्देश, पंजीकरण की प्रक्रिया, प्रवेश, उपचार और अन्य आवश्यकताएं अनुसार जारी की गईं। यहां मरीजों के प्रवेश में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन किया जा रहा है। रिसेप्शन पर रिपोर्ट करने और शुरूआती दस्तावेज के बाद मरीजों की शारीरिक जांच की जा रही है, तब उन्हें उनके आबंटित बिस्तर पर अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है । उनके प्रवेश के बाद उन्हें एक किट प्रदान की जा रही है। सभी चिकित्सा उपचार, दवाएं, भोजन और अन्य सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं। यहां आईटीबीपी के तनाव परामर्शदाताओं की सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। सरदार पटेल छतरपुर नई दिल्ली में मरीजों का विवरण -कुल प्रवेश- 1037 -वर्तमान में मरीज- 376 -रेफर- 71 -डिस्चानर्ज- 504 यह केंद्र दिल्ली कोविड-19 रोगी देखभाल प्रबंधन के लिए एक बड़ी राहत का केंद्र साबित हुआ है, जो रोगियों को ऑक्सीजन प्रदान कर रहा है और उन्हें हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा पहुंचाया पूर्ण लॉकडाउन के दौरान आईटीबीपी इकाइयों ने दूर दराज के क्षेत्रों / सीमा क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा और भोजन प्रदान किया। आईटीबीपी ने 2020 में कारगिल के बर्फ से जमे ढलानों में ज़ोजीला की बर्फीले ऊंचाइयों से आवश्यक आपूर्ति करने वाले 900 से अधिक ट्रकों के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया था। आईटीबीपी के महानिदेशक ने फोर्स के रिटायर्ड जवानों और परिवार के सदस्यों को पत्र लिखा और लॉकडाउन के समय या कोविड-19 की चपेट में होने पर किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर बल से किसी भी प्रकार की मदद के लिए बल से संपर्क करने का आहवान किया। टीकाकरण अभियान जैसे ही देश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया, आईटीबीपी के कर्मियों को हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में टीका के साथ टीका लगाया गया। सात मई, 2020 तक, 96.20 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्कर्स ने वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त की है, जबकि 78.48 प्रतिशत ने वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त की है। इसी तरह, 92 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन की पहली खुराक मिली है, जबकि 76 प्रतिशत को अब तक वैक्सीन की दूसरी खुराक मिली है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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