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मप्र बजट सत्र: बिजली बिल पर विपक्ष का हंगामा, शिवराज-कमलनाथ के बीच हुई नोंक-झोंक

भोपाल, 26 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। प्रश्नकाल के दौरान बिजली बिल के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जबकि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना उद्बोधन दिया। इस दौरान पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के साथ उनकी तीखी नोंक-झोंक हुई। मप्र विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। भाजपा विधायक विजयपाल सिंह ने नागरिकों को दिये जा रहे भारी-भरकम बिजली बिलों का मुद्दा सदन में उठाया। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली बिलों से हर वर्ग परेशान है। इस दौरान किसानों को मिल रहे बिजली बिल पर भी बात हुई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी कहा कि मेरे क्षेत्र में भी अधिक बिल आ रहे हैं। मेरे क्षेत्र के किसान भी बिजली बिलों से परेशान हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जांच करने की बात कही। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर को पूरे मामले की जांच करवाने को कहा। किसानों को अधिकृत कंपनियों के कृषि पंप दिए जाने के निर्देश दिए गए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन हुआ। उन्होंने कहा कि विपक्ष बार-बार कह रहा है कि 2018 में कचरा साफ हो गया, लेकिन मैं बता दूं, मेरे मन में एक बार भी यह नहीं आया कि मुझे मुख्यमंत्री बनना है। जब कमलनाथ सरकार बनी तब मैंने सोच लिया था कि मुझे सीएम हाउस खाली करना है। हम चाहते तो उस समय भी जोड़-तोड़ कर सकते थे। उस समय भी कई मित्र हमारे साथ आना चाहते थे, लेकिन सुबह होते ही मैंने कमलनाथ को बधाई दी। कांग्रेस को इतने वोट मिले, उसका कारण कर्जमाफी का ऐलान था, इस बात को मैं मानता हूं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ बीच में जवाब देने लगे और दोनों के बीच नोंक-झोंक शुरू हो गई। कमलनाथ ने कहा कि अभिभाषण में मोदी का नाम बार-बार लिया गया। इस पर शिवराज ने कहा कि मोदी जी का नाम ही ऐसा है जो बार-बार लिया जाता है। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि आपने फसल बीमा का प्रीमियम जमा नहीं किया। शिवराज ने कहा कि हमने फसल बीमा की राशि किसानों को दी। मैं ओलावृष्टि के समय किसानों के पास जाता था लेकिन आप नहीं जाते थे। आप विधायकों से भी मिलते नहीं थे। कमलनाथ बोले कि मैं विधायकों को मिलने के लिए समय देता था ना कि टीवी पर सीरियल देखता था। शिवराज ने कहा कि आप खजाना खाली छोड़ गए. लेकिन हमने इसकी कमी महसूस होने नहीं दी। कमलनाथ ने कहा कि आपसे आंकड़ों के खेल में जीतना मुश्किल है। इस पर शिवराज ने कहा कि आज हिसाब किताब पूरा हो जाए। कर्जा लेकर किसानों के खाते में पैसे डाले हैं तो आपको तकलीफ क्यों हो रही है। कोरोना काल में किसानों के खाते में पैसे डाले। उनकी फसल खरीदी। इस बीच गोपाल भार्गव ने विधानसभा में डिवीजन करने को लेकर कहा कि खेल आपने शुरू किया है और हमने कहा था खत्म हम करेंगे। इस पर कमलनाथ ने कहा कि खेल तो अकेले आपने शुरू किया था। जब आपने अध्यक्ष के चुनाव में कैंडिडेट खड़ा किया। आपने परंपरा तोड़ी। इस पर शिवराज ने कहा कि आपने सरकार में आते ही बीजेपी नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। बदले की कार्रवाई आपने की। कुचलने वाली मानसिकता आप लोगों की थी। उच्च अधिकारियों की बोली लगाई गई। कमलनाथ ने कहा कि आपके इस तरह के आरोप गलत हैं। आप मुझे सदन में नहीं बल्कि अकेले बता गए कि किस उच्च अधिकारियों की बोली लगी। यहां पर सदन को बताना चाहता हूं कि मैंने माननीय के कहने पर कई कार्रवाई को रुकवाया। शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी कहते हैं कि 2018 में कचरा साफ हो गया, लेकिन मैं कांग्रेस से आए नेताओं के साथ में काम कर रहा हूं। यह सब बहुत अच्छा काम करते हैं। यह सब हीरा हैं। कमलनाथ ने कहा कि आप सभी हीरों को बचाकर रखिए। हम इन्हें पहले से जानते हैं। इसी बीच कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने शिवराज के बार-बार बंटाढार की बात को लेकर कहा कि आप सिर्फ बंटाढार की योजनाओं को अभी तक क्यों चला रहे हैं। इस पर शिवराज ने कहा कि इस पर फिर कभी चर्चा करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि बीती बातों को छोड़ें और आगे की बातें सदन को बताएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं उसी का जवाब दे रहा हूं। हमने लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाईं। उनको सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी, लेकिन आपकी सरकार ने हमारी संबल योजना को बंद कर दिया। उसका नाम बदल दिया। लोगों को उसका फायदा नहीं मिला। दीनदयाल रसोई योजना, मेधावी छात्र योजना को बंद कर दी। कमलनाथ ने कहा कि जब हमने मेधावी छात्रों को लैपटॉप योजना की जांच की तो पता चला कि उन्हें लैपटॉप मिल नहीं रहे थे। शिवराज ने कहा कि अपराध बढ़े लेकिन सरकार ने तेज गति के साथ ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। पहले शिकायत ही नहीं होती थी, लेकिन हमने शिकायत नहीं बल्कि एफआईआर कराने पर जोर दिया है। यही कारण है कि मामले तुरंत सामने आ रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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