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कर्मचारियों की कमी से अटेंडेंट को कोविड वार्ड में जाने की मिल रही इजाजत

चेन्नई, 1 मई (आईएएनएस)। चेन्नई में डॉक्टरों, नर्सो और पैरामेडिक्स की कमी की वजह से गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) सहित कोविड वाडरें में भर्ती मरीजों के अटेंडेंटों को बैठने की अनुमति दी जा रही है। यहां तक कोविड वार्डो में परिवर्तित किए जा चुके कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के रिश्तेदारों को मरीजों के बिस्तर के किनारे बैठने की अनुमति दी जा रही है। उन्हें पीपीई किट पहने बिना और कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए बिना ही इन वार्डो में जाने की अनुमति दी जा रही है। सुकुमारी, जो अपने बीमार पति के लिए चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में अटेंडेंट थीं, ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, नर्सों और डॉक्टरों सहित स्टाफ की कमी थी और मुझे अपने पति के साथ रहना पड़ता था क्योंकि टॉयलेट जाते समय वह गिर जाते थे। हर दिन मैं अपने पति के अटैंड करने के बाद घर जाती थी और मेरे बदले मेरा बेटा वहां जाता था। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी गई है कि वे कोरोना मरीजों के परिजन को अंदर न आने दें। सरकार इस स्थिति से उबरने के लिए अस्थायी आधार पर डॉक्टरों, नर्सो और पैरामेडिक्स की भर्ती कर रही है। पुलिस को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह परिजनों को कोविड के रोगियों के साथ न रहने दें। सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, नर्सों की भारी कमी है। ऑक्सीजन बेड के लिए आठ मरीजों को संभालने के लिए एक नर्स है और चार अन्य रोगियों के लिए। जब तक इन आईसीयू में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स की अच्छी संख्या नहीं होगी, स्थिति गंभीर होती चली जाएगी। यह स्वागत योग्य है कि सरकार ने अधिक डॉक्टरों, नर्सों की पोस्टिंग की घोषणा की है और स्थिति पर काबू पाने के लिए अस्थायी आधार पर पैरामेडिक्स को भर्ती करने जा रही है। --आईएएनएस आरएचए/आरजेएस

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