कोविड ने सिखाया सबक, अधिक आत्मनिर्भर होना जरूरी : विदेश मंत्री
नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि कोविड ने हमें कई सबक सिखाए, जिसमें से अधिक आत्मनिर्भर होना प्रमुख है। अनिश्चितता के इस दौर ने छोटी, अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की वैश्विक मांग पैदा की है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में ‘आत्मनिर्भर भारत में प्रवासी की भूमिका’ विषय पर अपने उद्बोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य देश के व्यापार, निवेश और सेवाओं को बढ़ाना है और एक बड़े वैश्विक पुनर्संतुलन में योगदान देना है। अधिक से अधिक क्षमता के साथ भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विकास का एक अतिरिक्त इंजन हो सकता है। यह वैश्विक मानदंडों और प्रथाओं के अनुरूप एक विश्वसनीय भागीदार और एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता भी होगा। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने अधिक विश्वसनीय, लचीली और भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता को दिखाया है। इस प्रयास में प्रवासियों को शामिल करना स्वाभाविक है। ऐसा इसलिए की प्रवासी राष्ट्र-निर्माण में उत्साही योगदानकर्ता हैं। वह अपने समाजों में उपलब्धि हासिल कर चुके हैं और इस महत्वाकांक्षी सोच को वास्तव में वैश्विक बनाने में मददगार हो सकते हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत के आत्मनिर्भरता के सपने के पीछे पूरी दुनिया की खुशी, सहयोग और शांति के लिए चिंता है। दुनिया के साथ मिलकर काम करना हमारी मान्यताओं और परंपराओं की बुनियाद है। महामारी के दौरान भारत ने न केवल अपनी स्वयं की दवा आवश्यकताओं को पूरा किया, बल्कि शेष विश्व को आपूर्ति की। इसी तरह भारत कोविड के चलते दुनियाभर में फंसे भारतीयों सहित पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी भारत घर वापस लाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रवासियों को देश के साथ जोड़ने के लिए भारत को जानो कार्यक्रम और उम्रदराज लोगों के लिए प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना शुरू की हैं। 2015 में शुरू की गई ऑन-लाइन क्विज 'भारत को जानिए' ने भी सराहनीय प्रगति की है। प्रवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम भी है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप-hindusthansamachar.in