कोरोना नियंत्रण में जुटा नगर निगम का अमला, शहर में लगे हैं कचरे के ढेर
कोरोना नियंत्रण में जुटा नगर निगम का अमला, शहर में लगे हैं कचरे के ढेर

कोरोना नियंत्रण में जुटा नगर निगम का अमला, शहर में लगे हैं कचरे के ढेर

रतलाम, 17 जून(हि.स.)। कोरोना वायरस का कहर जब से शहर पर भी छाया हुआ है, तब से नगर निगम की सारी व्यवस्थाएं ठप्प सी हो गई है, कारण अधिकांश अमला कोरोना वायरस के नियंत्रण में लगा हुआ है। पहले भोजन व्यवस्था में भी नगर निगम के अमले को जोड़ा गया, जोखिम क्षेत्र बनाने तथा वहां लोगों की व्यवस्था में भी निगम का ही अमला काम कर रहा है। यही कारण है कि नगर निगम से संबंधित सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गई है, सारे शहर में कुड़ा-करकट नजर आ रहा है। बरसात आते ही नाले-नालियों की स्थिति और सड़कों की बद्हाल हालत लोगों को नजर आने लगी है। वर्षों से जिन नालियों और नालों को पक्का बनाकर उन्हें व्यवस्थित करने की योजनाएं बनाई गई वे आज भी कागजों पर ही नजर आ रही है। क्षेत्रवासियों को मौसम जनहित बीमारियों का शिकार होना पड़ता है, वहीं मच्छरों के आतंक से भी लोग दुखी है, लक्कड़पीठा का नाला, डोंगरे नगर का पुराना नाला सहित शहर के अनेक नाले जिन्हें व्यवस्थित करने की योजना विगत कई वर्षों से महापौर कार्यकाल में भी बनाई गई, बजट प्रावधान किया गया, लेकिन सारा कार्य आज भी कागजों पर ही नजर आता है, जनप्रतिनिधियों को भी इन नालों की याद बारिश के दौरान ही आती है, जब उन्हें क्षेत्रवासी बताते है कि वर्षों से प्रस्तावित नालों को पक्का बनाने की योजना का क्या हुआ? काजीपुरा, छत्रीपुल के पुराने नाले भी यथावत है। बावडिय़ां कुड़ादान में बदली गर्मी के दिनों में बावडिय़ों की साफ-सफाई का अभियान चलाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन बावडिय़ां जो कभी रतलाम की जीवन दायनी थी आज कचरों के ढेर में बदल गई है। सारी बावडिय़ों को लोग कुड़ा दान के रुप में उपयोग करते है। यदि इन बावडिय़ों की सफाई की जाती तो जलसंकट के दौरान इन बावडिय़ों का उपयोग अन्य कार्यों में लिया जा सकता था। बाग-बगीचों को संवारने में भी इस पानी का उपयोग हो सकता था, लेकिन करे कौन? पार्षदों को फुरसत नहीं और यदि किसी पार्षद ने सुझाव दिया भी हो तो उसे कभी माना नहीं गया। नहीं तो यह बावडिय़ां रतलाम के बाग-बगीचों को, गटरों और नालियों को स्वच्छ बना सकती थी। कांग्रेस ने ज्ञापन दिया और विधायक ने भी चिंता जताई शहर की सड़कों के बारे में तो कही बार लिखा जा चुका है। जो बारिश के दिनों में कीचड़ और गड्डे में परिवर्तित हो गई है। हाल ही में कांग्रेस ने भी ज्ञापन दिया है, विधायक चेतन्य काश्यप ने भी चिंता व्यक्त करते हुए निगमायुक्त से सड़कों की मरम्मत के लिए तत्काल कार्ययोजना बनाने के निर्देश देते हुए सड़कें ठीक करने को कहा है। देखते है विधायकजी के आदेश का पालन कितने दिनों में कब तक होता है। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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