नगर निगम : अनापत्ति प्रमाण पत्र मामले में भ्रष्टाचार की आशंका

नगर निगम : अनापत्ति प्रमाण पत्र मामले में भ्रष्टाचार की आशंका

- उपसभापति ने उच्च स्तरीय जांच के लिए लिखा पत्र झांसी, 09 जून(हि.स.)। नगर निगम में आरोप प्रत्यारोपों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर पार्षदों ने कार्यकारिणी की बैठक में खूब उत्पात मचाया था। तीन बार बैठक स्थगित होने के बाद चैथी बार महापौर द्वारा उचित कार्रवाई के आश्वासन के पर बजट पास हो सका था। अब अनापत्ति प्रमाण पत्र के मामले में भ्रष्टाचार का मामला पनपता नजर आ रहा है। इसकी आशंका के चलते उपसभापति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। भाजपा नेता व नगर निगम के उपसभापति राजेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखते हुए अनुरोध किया है कि नगर निगम के संपत्ति विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र मामले में बड़ा घालमेल व भ्रष्टाचार किए जाने की खबरें प्राप्त हुई हैं। जनहित में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में संपत्ति विभाग द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की कृपा करें। ताकि उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा से जनता अवगत हो सकें एवं सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति से लाभान्वित हो सके। उन्होंने पुनः निवेदन किया है कि नगर निगम के संपत्ति विभाग की करतूतों की उच्चस्तरीय जांच कर एनओसी महा घोटाले का जनहित में खुलासा कर संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर न्याय प्रदान कराया जाए। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव नगर विकास उप्र, मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी को भी भेजी है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश पटैरिया/मोहित-hindusthansamachar.in

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