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चार गांव के ग्रामीणों की मांग उपमुख्यमंत्री ने की स्वीकार, विभाग ने फंसाया

लखनऊ, 18 फरवरी (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ के चार गांवों रुपखेड़ा, अंधपुर, औरांवा, रानीपुर के ग्रामीणों की सड़क बनाने की मांग को स्वीकार किया, किंतु उपमुख्यमंत्री के आदेश के दो वर्ष बीतने के बाद भी लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड दो के अभियंताओं ने सड़क की मांग को डबल कनेक्टिविटी कहते हुए फंसा दिया। लखनऊ से कानपुर रोड पर बंथरा क्षेत्र में आने वाले चार गांवों रुपखेड़ा, अंधपुर, औरांवा, रानीपुर में सड़क की मांग वर्ष 2015 में एक प्रदर्शन के साथ उठी थी। ग्रामीणों ने सड़क के लिए प्रदर्शन किया था और इसके बाद क्षेत्र में दखल रखने वाले एक भाजपा नेता ने पत्राचार कर सड़क के लिए निर्माण खंड दो के अधीक्षक अभियंता से दो करोड़ उन्नीस लाख का स्टीमेट कराया था। पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में स्टीमेट होने के बाद भी सड़क निर्माण कार्य शुरु न हो सका। वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद पुन: सड़क की मांग उठी और एक बार फिर से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर सड़क के लिए प्रार्थना पत्र दिया। 16 मई वर्ष 2019 को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव से सड़क का स्टीमेट पुन: बनवाने और उसे पास कर निर्माण कार्य कराने के आदेश दिये। वर्ष 2019 से 21 तक सड़क के लिए निर्माण खंड दो में ग्रामीण दौड़ लगा रहे हैं। सड़क बनना तो दूर अब उच्चाधिकारी उनसे मिलने और फोन उठाने से भी बचने लगे है। सड़क की मांग करने वाले ग्रामीण बताते हैं कि, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने भी ग्रामीणों से मिलने के बाद सड़क देने का वायदा किया था। ग्रामीणों ने इस दौरान स्थानीय भाजपा नेताओं से भी सड़क निर्माण के लिए वार्ता की लेकिन उनके माध्यम से भी कोई सफलता हाथ न लगी। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद/ मोहित-hindusthansamachar.in

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