1975 आपातकाल के तहत कांग्रेस ने आम जनता के साथ बहुत ज्यादती की, बीकानेर में भी छात्रों को दिए करंट के झटके : विधायक विश्नोई

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बीकानेर, 25 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी बीकानेर देहात ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर धारा 352 के अधीन तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आपातकाल की घोषणा की। जिसके विरोध भाजपा ने काला दिवस मनाया। इस मौके पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने कहा कि 1975 में कांग्रेस द्वारा आपातकाल लागू किया गया जिसमें जिसमें प्रेस पर रोक लगाई लोगों को जेलों में डाल दिया। मूल अधिकारों पर रोक लगाई। आपातकाल कांग्रेस सरकार ने इस कारण लगायी क्योंकि भ्रष्टाचार के विषय पर दिसम्बर 1973 में गुजरात में इंजिनियरिंग कॉलेज से आन्दोलन शुरू हुआ जो गुजरात से बढ़ते हुए बिहार पहुंचा। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान बहुत यातनाएं दी गईं जिसके तहत 26 जून 1975 को जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई समेत बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में ठूस दिया गया। जेल में दिल को दहला देने वाली यातनाएं दी गई इन यातनाओं के दौरान जयप्रकाश की किडनी तक खराब हो गई। जनसंघ एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया। स्व अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवानी सहित कई कार्यकर्ताओं को बिना कारण के जेल में डाल दिया गया। प्रेस पर कड़ी सेंसरशिप लगा दी गई। सभी बड़े अखबारों की बिजली काट दी गई जो भी पत्रकार सरकार की बिना ईजाजत के लिखता-बोलता उसे जेल में डाल दिया जाता। बिश्नोई ने कहा कि बीकानेर में 15 अगस्त को किशोर छात्रों ने सत्याग्रह किया। आपातकाल के विरोध में नारे लगाये व भारतमाता की जय बोली गई। उन्हें गिरफ्तार कर थाने में लाये। थाने में थप्पडों, लातों व घूसों से खूब मारा गया, बिजली के करन्ट के झटके भी दिये गये। अवयस्क बालकों पर भी पुलिस अधिकारियों को रहम नही अया। वे बोले कि आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या हुई, सत्ता लोलुप्त इंदिरा गांधी ने अखबारों पर सेंसरशिप लगाई, राजनैतिक कार्यालयों पर छापे मारे गये। इस प्रकार 19 महीनों तक आपातकाल का संघर्ष चला। प्रेस-कांफ्रेंस में देहात भाजपा जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत, महामंत्री कुम्भाराम सिद्ध, जिला मंत्री देवीलाल व संभाग मीडिया प्रभारी मुकेश आचार्य उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप

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