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बजट 2021-22: विशेष कोविड पैकेज की घोषणा, इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू

बजट.. लीड- 5 जयपुर, 24 फरवरी(हि.स.)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को विधानसभा में प्रस्तुत 2021-22 के अपने बजट में विशेष कोविड पैकेज की घोषणा करते हुए 33 लाख असहाय, निराश्रित व मजदूर परिवारों को अंतिम किस्त के रूप में एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। यह राशि दो बार में दी जाएगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स और सर्विस सेक्टर के युवाओं तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार व रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में बजट 2021-22 प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान मुश्किल आर्थिक हालात के बावजूद भी प्रदेश के विकास के लिए संसाधनों की कमी नहीं रही। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना की शुरूआत से ही निरंतर मॉनीटरिंग-माईक्रोप्लानिंग पर जोर दिया गया और “राजस्थान सतर्क है' की पहल के साथ कोविड- महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए कुशल प्रबंधन किया गया,जिसकी प्रशंसा पूरे देश में हुई है। सीएम ने कहा कि उन्होंने स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजनीतिक दलों, विधायकों, धर्मगुरुओं, उद्योगपतियों, चिकित्साकर्मियों, मीडिया बंधुओं, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिसकर्मियों आदि सहित सभी 109 बार निरंतर संवाद किया। इस आपदा को अवसर में बदलते हुए हमने प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रेक्चर को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि यद्यपि अब कोरोना महामारी का प्रभाव कम हुआ है परन्तु समाज के हर तबके ने कोरोना की मार सही है। थड़ी-ठेले लगाने वालों व छोटे व्यापारियों का कामकाज प्रभावित हुआ, गरीब एवं असहाय लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आया, बच्चे स्कूल नहीं जा पाये। इसके बावजूद भी हर प्रदेशवासी ने धैर्य एवं सहयोग का परिचय दिया। आमजन की इस पीड़ा को अनुभव करते हुए वे एक विशेष कोविड पैकेज की घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि हमने इस महामारी काल में 33 लाख असहाय, निराश्रित व मजदूर परिवारों को 3 हजार 500 रुपये प्रति परिवार के हिसाब से एक हजार 455 करोड़ रुपये की डीबीटी के माध्यम से सहायता प्रदान की है। अब आगामी वर्ष में इन परिवारों को अंतिम किस्त के रूप में एक-एक हजार रुपये की और सहायता राशि दो बार दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर एवं सर्विस सेक्टर के युवाओं तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार व रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने की घोषणा की। योजना में 5 लाख जरूरतमंदों को 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। वहीं लघु उद्योगों को संबल देने के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का दायरा बढ़ाते हुए, आगामी वर्ष में दस हजार नये लघु उद्यमियों को 50 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी दिया जाने का प्रस्ताव दिया। प्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए, केवल प्रोजेक्ट अप्रेजल के आधार पर बिना किसी शर्त के सीड मनी के रूप में 5 लाख रुपये प्रति स्टार्टअप सहायता राशि दिया जाना प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित हुई, जिससे यह वर्ष लगभग जीरो इयर हो गया है। विद्यार्थियों के लर्निंग अन्तराल को पूर्ण करने, लर्निंग स्टेंडर्ड के अनुरूप शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने तथा क्लास रूम के प्रति सहज नुभव करवाने के लिए बैक टू स्कूल कार्यक्रम शुरू किया जायेगा। इसके लिए आगामी वर्ष में प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों के कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क स्कूल यूनिफार्म तथा कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों के शैक्षिक उन्नयन हेतु संक्षिप्त पाठयक्रमानुसार पूरक पाठ्य-पुस्तकें निःशुल्क दिये जाने की घोषणा की। इसके अलावा महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत वर्ष 202-22 में सहरिया, कथौड़ी जनजाति व राज्य के विशेष योग्यजन श्रमिकों को भी आर्थिक संबल प्रदान करने की दृष्टि से सौ दिवस के स्थान पर 200 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। जारी.... हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर

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