कारगील के शहीद कैप्टन केशिंग क्लिफोर्ड नोंगरूम को अभाविप ने किया याद
कारगील के शहीद कैप्टन केशिंग क्लिफोर्ड नोंगरूम को अभाविप ने किया याद

कारगील के शहीद कैप्टन केशिंग क्लिफोर्ड नोंगरूम को अभाविप ने किया याद

शिलांग, 01 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की मेघालय इकाई की ओर 1999 कारगिल युद्ध में शहीद हुए मेघालय के सुपुत्र महावीर चक्र से सम्मानित कैप्टन केशिंग क्लिफोर्ड नोंगरूम की 21वीं शहादत दिवस पर उन्हें स्मरण किया। अभाविप ने स्थानीय रिलबोंग में एक श्रधांजलि सभा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रिलबोंग बिट हाउस के प्रमुख एच थाबह ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विद्यार्थियों एवं स्थानीय नागरिकों ने कैप्टन नोंगरूम के चित्र के सामने दीप प्रज्वलन व पुष्पाजंली अर्पित किया। अभाविप के प्रदेश मंत्री सुश्री डारीलिन टैंग ने श्रधांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद कैप्टन नोंगरूम ने अपनी मातृभूमि की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वे हमारे मेघालय के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। भविष्य के लिए प्रखर राष्ट्रवाद के पुंज हैं। हम विद्यार्थी परिषद मेघालय परिवार की ओर से एवं हृदय की गहराइयों से उन्हें श्रद्धासुमन व उनके श्री चरणों में प्रणाम अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि 30 जून व 1 जुलाई 1999 को कैप्टन नोंगरूम को पॉइंट 4812, बटालिक सेक्टर को दक्षिण-पूर्वी दिशा से युद्ध का नेतृत्व करने का दायित्व सौंपा गया। उन्होंने अपने अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुए असंभव खड़ी चढ़ाई पर चढ़ते हुए उच्चतम शिखर पर पहुंचे। जहां घात लगाए बैठे दुश्मन सेना का उन्हें सामना करना पड़ा। उन्होंने अपनी छोटी सी टुकड़ी के बावजूद अपनी जान की परवाह न करते हुए पाकिस्तान की सेना पर हमला कर उन्हें चौका दिया। वे अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहे। अदम्य साहस व पुरुषार्थ का परिचय देते हुए घायल अवस्था में भी वे दुश्मनों से लड़े व खून भी देंगे जान भी देंगे देश की मिट्टी कभी न देंगे के इस नारे को चरितार्थ करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। जिसके परिणाम स्वरूप पॉइंट 4812 को पाकिस्तान को छोड़ कर पीछे हटना पड़ा। ऐसे वीर को एकबार फिर से शत शत नमन। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद-hindusthansamachar.in

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