पश्चिम रेलवे : 403 पार्सल विशेष गाड़ियों से 78 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

पश्चिम रेलवे : 403 पार्सल विशेष गाड़ियों से 78 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन
पश्चिम रेलवे : 403 पार्सल विशेष गाड़ियों से 78 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

देवास और लखनऊ के बीच दो सेवाओं वाली एक और पार्सल विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय मुंबई, 18 जुलाई, (हि. स.)। कोरोना महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन के दौरान, पश्चिम रेलवे को कई मुश्किल चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके बावजूद विपरीत परिस्थितियों में भी इसकी मालवाहक ट्रेनों के पहियों का सफर लगातार जारी रहा है। हालांकि शुरुआत में पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन पूरी रोक दिया गया था, लेकिन मालगाड़ियां और पार्सल विशेष ट्रेनें निरंतर चल रही हैं, क्योंकि देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रेलवे के माध्यम से ही सम्भव थी। ऐसे कठिन समय में, भारतीय रेलवे राष्ट्र की सेवा में हमेशा की तरह आगे आई और विशेष पार्सल ट्रेनों द्वारा चिकित्सा उपकरणों और दवाओं सहित विभिन्न अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन किया गया। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा श्रमिकों की कमी और अन्य मुश्किलों के बावजूद अब तक 400 से अधिक पार्सल विशेष ट्रेनों का संचालन कर यह बड़ा आंकड़ा पार कर लिया गया है। यह महत्वपूर्ण मजतपूर्ण उपलब्धि पश्चिम रेलवे के निष्ठावान अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ऊर्जावान टीम के कठिन परिश्रम और अपने कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण ही सम्भव हो पाई है। इस सम्बंध में ग्राहकों की सुविधा के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा जारी कई नीतिगत बदलावों ने भी एक आश्वासक भूमिका निभाई। पश्चिम रेलवे के वाणिज्यिक विभाग ने पहल करते हुए गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त अधिकारों के आधार पर गुड्स शेड में लोडिंग/ अनलोडिंग गतिविधियों के लिए आने वाले मजदूरों/ श्रमिकों को आवश्यक पास जारी किये। पश्चिम रेलवे की कर्मठ टीम के उल्लेखनीय प्रयासों के फलस्वरूप पार्सल विशेष ट्रेनों द्वारा 400 के बड़े आंकड़े को पार करना सम्भव हो पाया है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, पश्चिम रेलवे ने राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता को अपनी मालवाहक ट्रेनों के जरिये बखूबी बरकरार रखा है। इसी क्रम में देवास और लखनऊ स्टेशनों के बीच दो सेवाओ वाली एक और पार्सल विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार ट्रेन नम्बर 00931 देवास - लखनऊ पार्सल स्पेशल ट्रेन 21 जुलाई, 2020 को देवास से 23.00 बजे प्रस्थान करेगी और 23 जुलाई, 2020 को 01.25 बजे लखनऊ पहुंचेगी। वापसी दिशा में, ट्रेन संख्या 00932 लखनऊ-देवास पार्सल विशेष ट्रेन लखनऊ से 23 जुलाई, 2020 को 16.00 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन 05.25 बजे देवास पहुंचेगी। ट्रेन नम्बर 00931 अपनी यात्रा के दौरान संत हिरदाराम नगर, भोपाल, बीना और कानपुर सेंट्रल स्टेशनों पर रुकेगी, जबकि वापसी दिशा में इस ट्रेन का कोई ठहराव नहीं होगा। ठाकुर ने बताया कि कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 23 मार्च से 16 जुलाई, 2020 तक पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 403 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 78 हजार टन भार वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन किया गया है, जिसमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई लगभग 24.52 करोड़ रु. रही है। इसके अंतर्गत इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 59 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 44,500 टन का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 7.66 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, 334 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियां लगभग 29 हजार टन भार वाली विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 14.69 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 4355 टन भार वाले 10 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 2.16 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। दो पार्सल विशेष ट्रेनें 17 जुलाई, 2020 को पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें एक ट्रेन पोरबंदर से शालीमार के लिए और एक अन्य ट्रेन करम्बेली से चांगसारी के लिए रवाना हुई। 22 मार्च से 16 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, कुल 9334 मालगाड़ियों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 18.87 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए किया गया है।18,312 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 9140 मालगाड़ियां सौंपी गईं और 9172 मालगाड़ियां अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट्स पर ले जाई गईं। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 1757 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 258.51 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 1498.19 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च 2020 से 16 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 396.23 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 189.22 करोड़ रुपये की रिफंड अदायगी सुनिश्चित की है। अब तक, 60.86 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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