कोरोना लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे ने पार किया मालगाड़ियों के 10 हजार रेकों का बड़ा आंकड़ा
कोरोना लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे ने पार किया मालगाड़ियों के 10 हजार रेकों का बड़ा आंकड़ा

कोरोना लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे ने पार किया मालगाड़ियों के 10 हजार रेकों का बड़ा आंकड़ा

मुंबई, 26 जुलाई, (हि. स.)। 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान कठिनतम परिस्थितियों और विकट चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने 24 जुलाई, 2020 तक मालगाड़ियों के 10,112 रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया है। विभिन्न स्टेशनों पर श्रमशक्ति की कमी के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी मालवाहक ट्रेनों के जरिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन बखूबी सुनिश्चित किया जा रहा है। इनमें पीओएल के 10 90, उर्वरकों के 1681, नमक के 553, खाद्यान्नों के 103, सीमेंट के 774, कोयले के 405, कंटेनरों के 4804 और सामान्य माल के 48 रेकों सहित कुल 20.56 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया, जिसके फलस्वरूप कोरोना महामारी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मुश्किल हालातों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने 22 मार्च से 24 जुलाई, 2020 तक की अवधि के दौरान मालगाड़ियों के 10 हजार रेकों के लदान का बड़ा आंकड़ा पार कर लिया है। इस सराहनीय माल यातायात से पश्चिम रेलवे को 2612.89 करोड़ रु.की उल्लेखनीय आमदनी हुई है। इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 19,758 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 9876 ट्रेनें सौंपी गईं और 9882 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इस अवधि के दौरान जम्बो के 1314 रेक, BOXN के 674 रेक और BTPN के 566 रेकों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण आवक रेकों की अनलोडिंग पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर मजदूरों की कमी के बावजूद सुनिश्चित की गई। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, 23 मार्च, 2020 से 24 जुलाई, 2020 तक लगभग 84 हजार टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 421 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई 26.61 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान 63 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 47,600 टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 8.20 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार, 30 हजार टन से अधिक भार वाली 344 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 15.32 करोड़ रुपये से अधिक रहा। इनके अलावा, 6099 टन भार वाले 14 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 3.09 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है। इनमें से एक इंडेंटेड पार्सल विशेष ट्रेन पश्चिम रेलवे से 25 जुलाई, 2020 को करम्बेली से न्यू गुवाहाटी के लिए रवाना हुई। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान 1864 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 276 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1588 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 24 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 402.99 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 192.96 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 61.92 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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