'राफ्ट फाउंडेशन' कार्य पूरा करके पश्चिम रेलवे ने हासिल की एक और विशिष्ट उपलब्धि
'राफ्ट फाउंडेशन' कार्य पूरा करके पश्चिम रेलवे ने हासिल की एक और विशिष्ट उपलब्धि

'राफ्ट फाउंडेशन' कार्य पूरा करके पश्चिम रेलवे ने हासिल की एक और विशिष्ट उपलब्धि

लॉकडाउन की अवधि में लोअर परेल डिलायल रोड ओवर ब्रिज के पश्चिमी छोर पर विकास कार्य मुंबई, 23 जुलाई, (हि. स.)। पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और लॉकडाउन प्रतिबंध जैसी तमाम मुश्किल चुनौतियों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने लोअर परेल स्टेशन पर डिलायल रोड ओवर ब्रिज के पश्चिमी छोर पर ‘राफ्ट फाऊंडेशन' कार्य पूरा करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार रेलवे क्षेत्र के रेलवे ट्रैक के ऊपर के ‘स्पैन’ को तोड़ने का कार्य पश्चिम रेलवे द्वारा 5 महीने की रिकॉर्ड अवधि में माह फरवरी, 2019 में पूरा कर लिया गया था। एमसीजीएम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने के बाद उसी वर्ष अर्थात 2019 के माह जून में ‘अबेटमेंट’ को तोड़ने का कार्य पूरा किया गया। पश्चिम रेलवे द्वारा आर ओ बी के रेलवे के हिस्से के पुनः निर्माण कार्य का ठेका 87 करोड़ रु. की लागत पर दिया गया। रेलवे ‘स्पैन' के आधार का वास्तविक कार्य मानसून के बाद माह नवम्बर, 2019 में किया गया। पूर्वी छोर की नींव का कार्य कोरोना महामारी के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच माह मई, 2020 में पूरा किया गया। इस कार्य की प्राथमिकता और महत्त्व को ध्यान में रखते हुए पश्चिम रेलवे द्वारा कोविड मानसून की अड़चनों के बावजूद इस कार्य के निष्पादन हेतु हर सम्भव प्रयास किया गया। इसी प्रयास के क्रम में 19 जुलाई, 2020 को एक उत्कृष्ट उपलब्धि के तौर पर पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी वर्षा के बावजूद इस आर ओ बी के पश्चिमी छोर पर ‘राफ्ट फाऊंडेशन' का कार्य पूरा कर लिया गया। 93 इंजीनियरों, पर्यवेक्षकों और श्रमिकों की एक टीम द्वारा 14 घंटों में कुल 685 क्यूबिक मीटर की कंक्रीटिंग की गई और इस फाउंडेशन में 92 मेट्रिक टन स्टेनलेस स्टील आर/एफ का उपयोग किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि इस आर ओ बी को पूरा करने के लिए निश्चित की गई समय सीमा का पालन करने की दृष्टि से इस फाउंडेशन की कांक्रीटिंग का कार्य अति महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, आर ओ बी के रेलवे के हिस्से का कार्य मानसून को छोड़करअगले 10 महीनों में मार्च, 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। आर ओ बी के लिए गर्डर का निर्माण, आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित कोटा के कारखाने में किया जा रहा है और कारखानों में ई 450 ग्रेड के लगभग 1800 मेट्रिक टन (कुल 2500 मेट्रिक टन में से) स्ट्रक्चरल स्टील पहले ही प्राप्त हो चुके हैं। ठाकुर ने बताया कि एमसीजीएम द्वारा किये जाने वाले पहुंच मार्ग के डिस्मेंटल और पुनः निर्माण से सम्बंधित कार्यों के लिए मानसून को छोड़कर 18 महीने तक कार्य पूर्ण करने की अवधि को ध्यान में रखते हुए एमसीजीएम ने 27 जनवरी, 2020 को निविदा दी है। कुल 3 पहुंच मार्ग हैं, जिनमें से दो पश्चिमी छोर पर हैं, जहां एमसीजीएम द्वारा पूरी तरह से डिस्मेंटलिंग और पुनः निर्माण का कार्य निष्पादित किया जा सकता है और पूर्वी छोर के पहुंच मार्ग, असेंबलिंग और स्टील गर्डरों की असेंबलिंग की लांचिंग के लिए उपयोग किए जाने की योजना है; क्योंकि प्रत्येक गर्डर असेंबली का वजन 1200 मेट्रिक टन (88 मिलीमीटर X 16 मीटर X 12 मीटर) है, जिसे न तो उठाया जा सकता है और ना ही लांच किया जा सकता है। अत: इसे आरओबी के पूर्वी पहुंच मार्ग से धकेलने की आवश्यकता है। रेलवे द्वारा गर्डरों को लॉन्च करने के पश्चात ही यह पूर्वी पहुंच मार्ग एमसीजीएम के लिए उपलब्ध कराया जाएगा और तब तक एमसीजीएम द्वारा पश्चिमी साइड के दो पहुंच मार्गों की डिस्मेंटलिंग और पुनःनिर्माण का कार्य पूरा किया जा सकेगा। अब तक एमसीजीएम द्वारा पश्चिमी दिशा के पहुंच मार्ग की डिस्मेंटलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि लोअर परेल में डिलायल रोड ओवर ब्रिज का स्वामित्व एमसीजीएम का है और यह रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरता है, जिसे जुलाई, 2018 में संचालित सेफ्टी ऑडिट अनुसरण के दौरान असुरक्षित पाया गया था। अतः डिलायल रोड ओवरब्रिज को 24 जुलाई, 2018 से वरीयता के आधार पर मरम्मत हेतु तत्काल प्रभाव से आम लोगों के प्रयोग, वाहन यातायात एवं पैदल दोनों के लिए बंद कर दिया गया था। यह निर्णय लिया गया था कि आर ओ बी के रेलवे भाग का डिस्मेंटलिंग और पुन:निर्माण का कार्य रेलवे द्वारा किया जाएगा और एमसीजीएम द्वारा इसके डिस्मेंटलिंग और पुनः निर्माण के कार्य की पद्धति को कार्यान्वित किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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