Due to the efforts of former MP RK Sinha, the agricultural revolution in Bhojpur created history by cultivating strawberry in Adya Organic Farm
Due to the efforts of former MP RK Sinha, the agricultural revolution in Bhojpur created history by cultivating strawberry in Adya Organic Farm

पूर्व सांसद आरके सिन्हा के प्रयासों से भोजपुर में हुई कृषि क्रांति, आद्या ऑर्गेनिक फार्म में स्ट्राबेरी की खेती कर रचा इतिहास

आरा, 07 जनवरी (हि.स.)। लक्ष्य सीधा हो और संकल्प दृढ़ हो तो पत्थर पर भी दूब उगाई जा सकती है। कुछ ऐसा ही नजारा विगत कुछ वर्षों के भीतर बिहार के भोजपुर जिले में देखने को मिल रहा है। पुरानी परम्पराओंं को नजरअंदाज कर आधुनिकता की दौड़ में शामिल होते जाने का ही नतीजा है कि विगत पचास सालों में देशभर में अस्पतालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। लोग लगातार नये—नये रोगों की चपेट में आकर अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर बिहार की राजधानी पटना से करीब 40 किलोमीटर दूर भोजपुर जिले के अपने पैतृक गांव बहियारा से भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य, पूर्व सांसद और एशिया महादेश की सबसे बड़ी निजी सुरक्षा एजेंसी के समूह अध्यक्ष आरके सिन्हा ने एक नये युग में नई शुरुआत की है। राजनीति और व्यवसाय की दुनिया में अपने नाम का परचम पूरी दुनिया में लहराने के बाद भी वे लौटकर वापस अपने गांव आये और यहां देसी गायों की विशाल गोशाला खोली। गोशाला के साथ-साथ जैविक कृषि की भी शुरुआत की। मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगोंं को प्राचीन परम्पराओं की तरफ ले जाना और लोगों के स्वास्थ्य को लेकर बड़ी क्रांति का है। देसी गायों की गोशाला से वे पूरे जिले और बिहार राज्य में लोगोंं को देसी गायों को पालने और उसके दूध से होने वाले फायदे की बात बताना चाहते हैं, वहींं जैविक कृषि से विष रहित खेती का संदेश भी देना चाहते हैं। उन्होंने भोजपुर के बहियारा गांव में जैविक कृषि की शुरुआत की, लोगों को इसके फायदे बताए और इलाके में इसकी खेती शुरू कराई। पुणे से कृषि वैज्ञानिक दीपक नरवाड़े को बहियारा गांव में बुलाकर एक एक सप्ताह तक लगातार जैविक कृषि के तरीके और फायदे को ले प्रशिक्षण आयोजित कराया। अब श्री सिन्हा का लक्ष्य यहां दुर्लभ फलों की खेती को सफलतापूर्वक कराने का है।इसी सिलसिले में बहियारा के आद्या ऑर्गेनिक कृषि फार्म में दुर्लभ फल स्ट्राबेरी की खेती का सफल प्रयोग शुरू हुआ है। लोगों की मान्यता थी कि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में ही स्ट्राबेरी की फसल उपजाई जा सकती है। इस मिथक को यहां झटका लगा है। बहियारा के आद्या ऑर्गेनिक कृषि फार्म में सफलतापूर्वक स्ट्राबेरी की खेती की गई है। यहां स्ट्राबेरी की फसल तैयार है और व्यापारी आद्या ऑर्गेनिक कृषि फार्म से उत्पादित स्ट्राबेरी खरीदने के लिए काफी संख्या में पहुंचने लगे हैं। इस फार्म में स्ट्राबेरी के फल पक कर तैयार हुए हैं और महाराष्ट्र आदि राज्यों में होने वाली स्ट्राबेरी की खेती से भी बेहतर खेती भोजपुर जिले के बहियारा आद्या ऑर्गेनिक फार्म में हुई है। इस खेती को देखने के लिए यहां प्रतिदिन जिले के किसान, कृषि वैज्ञानिक,कृषि पदाधिकारी,विधायक,मंत्री और पूर्व मंत्री पहुंच रहे हैं। आद्या ऑर्गेनिक कृषि फार्म में स्ट्राबेरी की खेती का कार्य देख रहे धर्मेन्द्र पाण्डेय बताते हैं कि बहियारा में तैयार हुई स्ट्राबेरी की क्वालिटी बहुत ही बेहतर है। एक फल की कीमत करीब ग्यारह रुपये आती है। एक पौधे में लगभग दो किलो स्ट्राबेरी के तैयार फल निकलते हैं। खेत से उत्पादित फल को व्यापारी 600 रुपये किलो ले जाने को तैयार हैं। खुदरा व्यापारियों द्वारा बाजार में स्ट्राबेरी को 800 से 1000 रुपये किलो बेचा जा सकता है। यह स्ट्राबेरी पूरी तरह जैविक कृषि पर तैयार है और इसकी मांग भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में है। स्ट्राबेरी की खेती बहियारा गांव में शुरू कराकर पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने किसानों को यह संदेश दिया है कि वे परम्परागत खेती से अलग स्ट्राबेरी जैसे फलों की खेती शुरू कर अपनी आय कई गुना अधिक बढ़ा सकते हैं।किसानों के लिए यह पूरी तरह मुनाफे की खेती है। स्ट्राबेरी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने और रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला एक दुर्लभ फल है जिसकी मांग पूरी दुनिया मे तेजी से बढ़ती जा रही है। भोजपुर के किसानों ने पूर्व सांसद आरके सिन्हा के इन कार्योंं की सराहना की है और कहा है कि उनके दिखाए गये रास्तों पर काम कर जिले के किसान अपनी समृद्धि और विकास को आगे बढ़ा सकते हैं। फिलहाल भोजपुर के बहियारा गांव में शुरू हुई स्ट्राबेरी की खेती की पूरे जिले में किसानों, नागरिकों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक के बीच खूब चर्चा हो रही है। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु शेखर/विभाकर-hindusthansamachar.in

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