ब्रिटिश पीएम जॉनसन का हांगकांग के लाखों लोगों को वीजा का आश्वासन
ब्रिटिश पीएम जॉनसन का हांगकांग के लाखों लोगों को वीजा का आश्वासन

ब्रिटिश पीएम जॉनसन का हांगकांग के लाखों लोगों को वीजा का आश्वासन

नई दिल्ली, 3 जून (हि.स.)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि अगर चीन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को हांगकांग में लागू करने पर अड़ा रहा तो वे हांगकांग के लाखों निवासियों को ब्रिटेन की नागरिकता के लिए एक संभावित रास्ता प्रदान करेंगे। टाइम्स अखबार और साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के लिए लिए लिखे गए एक लेख में उन्होंने कहा, "हांगकांग के कई लोगों को अपने जीवन के उस तरीके से डर लगता है, जिसे चीन ने बरकरार रखने का संकल्प लिया है। अगर चीन उनके डर को सही ठहराने के लिए आगे बढ़ता है, तो ब्रिटेन का अपनी जिम्मेदारी से हटना अच्छे विवेक नहीं माना जा सकता है। इसके बजाय हम अपने दायित्वों का सम्मान करेंगे और एक विकल्प प्रदान करेंगे।" जॉनसन ने लिखा कि हांगकांग में लगभग 3,50,000 लोग वर्तमान में ब्रिटिश नेशनल (ओवरसीज) पासपोर्ट रखते हैं, जो छह महीने तक ब्रिटेन में वीजा मुक्त रहने की अनुमति देता है। अन्य 25 लाख लोग इसके लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। जॉनसन ने लिखा, "अगर चीन अपने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करता है तो ब्रिटिश सरकार अपने आव्रजन नियमों को बदल देगी और हांगकांग के इन पासपोर्ट के किसी भी धारक को 12 महीने की अवधि के लिए ब्रिटेन आने की अनुमति देगी। इनको आव्रजन अधिकार दिए जाएंगे जिसमें काम करने अधिकार भी शामिल है। यह उनके लिये नागरिकता का रास्ता खोलेगा।" नए कानून को हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक विरोध की लहर के बाद लाया गया। इसे "आतंकवाद" और "अलगाववाद" से निपटने के लिए बीजिंग की कठपुतली संसद द्वारा अनुमोदित किया गया। चीन के विरोधियों को डर है कि यह कानून वैश्विक वित्तीय केंद्र में राजनीतिक उत्पीड़न का कारण बनेगा, जबकि ब्रिटेन से 1997 में इस द्वीप को हासिल करते समय चीन ने स्वतंत्रता और स्वायत्तता की गारंटी दी थी। जॉनसन ने कहा कि हांगकांग का नया कानून उसकी स्वतंत्रता को कम करेगा और नाटकीय रूप से स्वायत्तता को नष्ट करेगा। यदि इसे लागू किया जाता है तो ब्रिटेन के पास हांगकांग के लोगों के साथ इतिहास और दोस्ती के अपने गहन संबंधों को बनाए रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। लंदन ने पहले ही बीएन (ओ) पासपोर्ट के लिए पात्र लोगों को वीजा अधिकार देने की योजना की घोषणा कर दी है और बीजिंग की अंतरराष्ट्रीय आलोचना में शामिल हो गया है। लेकिन जॉनसन के निजी हस्तक्षेप से दबाव काफी बढ़ गया। जॉनसन ने इसे झूठा दावा बताकर खारिज कर दिया कि लंदन ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन एक देश, दो प्रणालियों के तहत हांगकांग की सफलता के अलावा और कुछ नहीं चाहता है। उम्मीद है कि चीन भी यही चाहता है। उन्होंने इसके लिये मिलकर काम करने की अपील की। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह/जितेन-hindusthansamachar.in

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