वैश्विक कंपनियां अपना वित्तीय कामकाज हांगकांग से बाहर ले जाने की इच्छुक
वैश्विक कंपनियां अपना वित्तीय कामकाज हांगकांग से बाहर ले जाने की इच्छुक

वैश्विक कंपनियां अपना वित्तीय कामकाज हांगकांग से बाहर ले जाने की इच्छुक

नई दिल्ली, 3 जून (हि.स.)। कुछ वैश्विक कंपनियां अपने वित्तीय कामकाज को हांगकांग से बाहर स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं। अमेरिका ने हांगकांग के विशेषाधिकारों को समाप्त करने के लिए कदम उठाया है, यह बड़ी बजह बताया जा रहा है। हांगकांग के कुछ वरिष्ठ बैंकरों ने इस प्रमुख वित्तीय हब की नवीनतम स्थिति के बारे में यह जानकारी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हांगकांग के लिए विशेष अमेरिकी दर्जे को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे बीजिंग को नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के फैसले के लिये दंडित किया जा सके। जबकि चीन का कहना है कि इससे हांगकांग के अधिकारों और स्वतंत्रता को नुकसान नहीं होगा। इस मामले की जानकारी रखने वाले चार वरिष्ठ बैंकरों ने बताया कि नये कानून से पड़ने वाले असर से बचाव के लिये कुछ वैश्विक कंपनियां सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में अपने कुछ कॉरपोरेट ट्रेजरी ऑपरेशंस को भेजने के कदम पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। एक अग्रणी वैश्विक व्यापार वित्त बैंक के साथ काम कर रहे हांगकांग स्थित एक बैंकर ने कहा, "कंपनियों के ट्रेजरी ऑपरेशंस व्यापार प्रवाह का अनुपालन करते हैं और अब हांगकांग के व्यापार केंद्र बने रहने के पर कई सवाल हैं।" यदि अमेरिका के साथ हांगकांग का विशेष संबंध खत्म होता है और शहर के सामानों को मुख्य भूमि चीन की कंपनियों द्वारा भुगतान की गई सीमा शुल्क दरों के बराबर रखा जाता है, तो व्यापार प्रवाह प्रभावित हो सकता है। चीन अभी अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध लड़ रहा है। अमेरिकी आयात पर हांगकांग की शून्य सीमा शुल्क दरें भी खतरे में पड़ सकती हैं। बैंकर ने कहा कि कुछ बहुराष्ट्रीय निगम अपने ट्रेजरी ऑपरेशंस को एक हिस्से को शुरू में हांगकांग से बाहर करने पर विचार कर रहे हैं और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएंगे। बैंकर ने कहा कि एशिया में सैकड़ों स्टोरों का संचालन करने वाली एक प्रमुख अमेरिकी खुदरा श्रृंखला पहले से ही अपने बैंकों के साथ सिंगापुर में कुछ नकदी प्रबंधन संबंधी कार्यों के लिए आरंभिक बातचीत कर रही है। यदि ऐसा होता है तो एक बड़े वित्तीय केंद्र के रूप में हांगकांग की स्थिति के लिए यह एक और झटका होगा। पिछले साल व्यापक लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के बाद भी ऐसा ही हुआ था। पहले से ही इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अमीर चीनी नागरिक भी हांगकांग में कम धनराशि लगाने के लिये कह रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in

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