ह्युस्टन कंसलेट : घर-घर से योग, योग एट होम
ह्युस्टन कंसलेट : घर-घर से योग, योग एट होम

ह्युस्टन कंसलेट : घर-घर से योग, योग एट होम

ललित बंसल लॉस एंजेल्स 14 जून (हिस): अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में अन्तर्राष्ट्रीय दिवस से पूर्व आन लाइन योग कक्षाओं की भरमार होने लगी है। इस योग के लिए कोई मंदिर और गुरुद्वारे में योग आसनों के लिए अलख जगा रहा है, तो कोई इसे अपने समुदाय और समूह में अपने-अपने घरों में एक निश्चित तिथि और दिन में ज़ूम अथवा वेबीनार पर मनाए जाने के आए दिन लिंक भेजने में जुटा है। ह्युस्टन स्थित भारतीय कंसलेट जनरल ने इस बार के अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का नाम ही '' घर घर से योग, योग एट होम'' का नाम दे कर 21 जून को मनाए जाने वाले 'छटे अन्तर्राष्ट्रीय दिवस' को और भी यादगार बना दिया है। यह कार्यक्रम फ़ेसबुक डाट काम/इंडीयन ह्युस्टन पृष्ठ पर प्रसारित होगा जिसे फ़ेसबुकडाट काम इंडिया हाउस से संबद्ध किया गया है। यह दो घंटे का वर्चुएल कार्यक्रम 21 जून को सुबह दस बजे से बारह बजे (सेंट्रल टाइम) के बीच होगा। ह्युस्टन स्थित काउंसल जनरल असीम महाजन इस योग कार्यक्रम में अपने संक्षिप्त संबोधन के साथ उद्घाटन की रस्म अदायगी करेंगे तो योगश्री बाबा रामदेव प्राणायाम योगिक क्रियाओं एवं आसनों से वर्चुएल योग समारोह में हज़ारों प्रवासी भारतीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करेंगे। अभी तक पिछले पाँच अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवसों पर खुले मैदान में सैकड़ों की तादाद में प्रवासी भारतीय उन्मुक्त वातावरण में योग आसान करते आए हैं। हिंदू स्वयं सेवक संघ, सिख कआएलेशन और जे के योग सहित मराठा मंडल, गुजराती समुदाय, आर्ट आफ लिविंग, ब्रह्मकुमारी आदि दर्जनों स्वयं सेवी संस्थाओं ने वर्चुएल योग दिवस मनाए जाने की घोसना की है। पद्म भूषण से अलंकृत डेविड फ़्राली ने दुनिया भर के लोगों से अपील की है, ''आइए, इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग आसन के ज़रिए शांति, बुद्धिमता और आनंद में सरबोर हो जाएँ।'' विदित हो, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को हर साल 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा की 27 सितंबर, 2014 की बैठक में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव प्रेषित किया था, जिसे 177 सदस्य देशों ने स्वीकार किया था। पतंजलि योगपीठ, अमेरिका के अध्यक्ष शेखर अग्रवाल ने इस अवसर पर भारतीय समुदाय का आह्वान किया है कि कोरोना संकट ने प्रत्येक मनुष्य के जीवन में नाटकीय परिवर्तन किए हैं। इस घड़ी में योग आसन से मनुष्य को एकांतवास, बेचैनी और तनाव से मुक्ति हासिल करने का मौक़ा मिलेगा। इस समारोह के संयोजक शरद अमीन ने कहा है कि यह कार्यक्रम इस बार 'कोरोना यौद्धाओं' को समर्पित होगा। हिन्दुस्थान समाचार/ललित बंसल/मनीष-hindusthansamachar.in

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