सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से शुरू की वार्ता
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से शुरू की वार्ता

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से शुरू की वार्ता

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से शुरू की वार्ता नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त दो मध्यस्थों ने बुधवार को दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले दो माह से ज्यादा समय से धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों से धरना समाप्त करने या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित होने के संबंध में वार्ता शुरु की। दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन की प्रदर्शनकारियो से हुई वार्ता आज अधूरी रही तथा दोनों मध्यस्थ कल फिर धरनास्थल पर जाएंगे। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शाहीन बाग में गत वर्ष 15 दिसंबर से शुरु हुआ था। एक मुख्य मार्ग पर चल रहे इस धरने के कारण राजधानी और उससे सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के बीच यातायात में भारी बाधा आई है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त दोनों मध्यस्थों ने आज की वार्ता के संबंध में कहा कि उन्होंने लोगों का दुख-दर्द और शिकायत सुनी। अभी यह शुरुआत है और आगे भी जारी रहेगी। दोनों मध्यस्थ आज दोपहर बाद शाहीन बाग पहुंचे थे । उन्होंने धरने पर बैठे हुए लोगों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने लोगों के विरोध व्यक्त करने के अधिकार को स्वीकार किया है । साथ शीर्ष न्यायालय का यह भी मानना है कि किसी प्रकार के विरोध-प्रदर्शन से अन्य लोगों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। सामान्य जनजीवन और कारोबार प्रभावित नही होना चाहिए। साधना रामचंद्रन ने लोगों से कहा कि विरोध व्यक्त करना आपका अधिकार है लेकिन आप भी नही चाहेंगे कि किसी दूसरे के अधिकार का हनन हो। मध्यस्थों ने धरनास्थल पर वार्ता के दौरान मीडिया को वहां से हटने के लिए कहा था कि खुलकर बातचीत हो सके। इस पर समाचार चैनल धरना स्थल के कुछ दूर चले गए, लेकिन वहां मौजूद अन्य मीडियाकर्मियों ने सोशल मीडिया के जरिए वार्तालाप को साझा किया। धरना देने वाले लोग अलग-अलग तरह की राय व्यक्त की। कुछ महिलाओं ने कहा कि उन्हें किसी अन्य स्थल पर धरना देने को लेकर सुरक्षा संबधी चिंता है। कुछ अन्य लोगों ने कहा कि धरना तब तक जारी रहेगा जब तक कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) वापस नही होता। कुछ लोगों का आग्रह था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद आकर उनसे बात करें । धरने के एक आयोजक ने कहा कि शाहीन बाग धरने के कारण यातायात में अवरोध संबंधी कोई परेशानी नही है। वास्तव में दिल्ली पुलिस ने कुछ अन्य मार्गों को बंद कर रखा है जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है। इस बीच, सोशल मीडिया पर इस आशय के वीडियो साझा किए गए हैं जिसमें कुछ लोग प्रदर्शनकारियों को पट्टी पढ़ा रहे हैं। लोगों को यह बताया जा रहा है कि मध्यस्थ आपसे किस तरह के सवाल पूछेंगे और आपको उसका क्या जवाब देना है। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत/सुफल-hindusthansamachar.in

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