सिंधु दर्शन यात्रा 1 से 5 अक्टूबर तक लेह में कोरोना नियमों के तहत आयोजित
सिंधु दर्शन यात्रा 1 से 5 अक्टूबर तक लेह में कोरोना नियमों के तहत आयोजित

सिंधु दर्शन यात्रा 1 से 5 अक्टूबर तक लेह में कोरोना नियमों के तहत आयोजित

रायपुर, 29 सितम्बर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के हिमालय परिवार एवं सिंधु दर्शन यात्रा के प्रमुख साकेत मिश्रा एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं स्थित सिंधु भवन के ट्रस्टी अमर परवानी ने बताया कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच, सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए 24 वी सिंधु दर्शन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है । सभी यात्री लद्दाख में सैनिकों के कैंप में पहुंचकर उनसे मुलाकात कर उन्हें उपहारों के साथ यह संदेश देंगे कि देश को सेना के बलिदान शौर्य पर गर्व है । साथ ही पूरा देश उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। इसके बाद लद्दाख से सीमा की ओर आम जनों का मार्च पास्ट किया जाएगा । हालांकि इस बार इस यात्रा का स्वरूप छोटा किया गया है एवं सिर्फ हिमालय परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को ही आमंत्रित किया गया है। सिंधु दर्शन उत्सव, जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख में सिंधु दर्शन यात्रा समिति द्वारा गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी 23 से 26 जून 2020 तक होने जा रहा था, पर इस वर्ष करोना महामारी के चलते देशभर के कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं व तीर्थ यात्रियों के साथ आगामी 1 से 5 अक्टूबर तक लेह में कोरोना नियमों के तहत आयोजित किया जा रहा है। 24 वी सिंधु दर्शन यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य व सिंधु दर्शन यात्रा के संयोजक व मुख्य प्रेरक इंद्रेश कुमार के संयोजन व हिमालय परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष हवाई यात्रा समिति के संरक्षक पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद गिरि महाराज व यात्रा समिति के संरक्षक , शदाणी तीर्थ रायपुर के नवम पीठाधीश्वर डॉक्टर संत युधिष्ठिर लाल महाराज के पावन सानिध्य में तथा समिति के ही संरक्षक , लद्दाख से लोकसभा में सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल के विशेष आतिथ्य में संपन्न होगी । 24 में सिंधु दर्शन यात्रा में भी हर वर्ष की भांति सिंधु नदी का पूजन होगा। सन 2021 में सिंधु दर्शन यात्रा समिति द्वारा 25 वॉ सिंधु दर्शन उत्सव ,लेह लद्दाख में सिंधु महाकुंभ के रूप में मनाने जा रही है। जिसमें पूरे भारत के अलावा विश्व से लगभग 50,000 तीर्थ यात्रियों के भाग लेने की संभावना है ।यह एक ऐसा महाकुंभ होगा जो गंगा नदी के किनारे नहीं बल्कि सिंधु नदी के किनारे आयोजित होगा। इस बार की यात्रा में चुनिंदा तीर्थ यात्रियों के रूप में ज्यादातर समिति से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं ,जो वहां 2021 में होने वाले पहले सिंधु महाकुंभ के सफल आयोजन का संकल्प भी लेंगे। हिन्दुस्थान समाचार /केशव-hindusthansamachar.in

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