सहकारी समितियों में कोल्ड स्टोरेज, गोदाम एवं प्रोसेसिंग यूनिट की होगी स्थापना
सहकारी समितियों में कोल्ड स्टोरेज, गोदाम एवं प्रोसेसिंग यूनिट की होगी स्थापना

सहकारी समितियों में कोल्ड स्टोरेज, गोदाम एवं प्रोसेसिंग यूनिट की होगी स्थापना

जयपुर, 17 जून (हि.स.)। प्रदेश में क्रय विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कोल्ड स्टोरेज, गोदाम निर्माण, प्रोसेसिंग यूनिट सहित कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए संयत्रों की स्थापना की जाएगी। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि समिति एवं क्षेत्रवार स्थितियों का आंकलन कर उपयोगिता के आधार पर प्रस्ताव प्राप्त किये जाएंगे ताकि कृषि गतिविधियों की चेन सप्लाई सिस्टम को विकसित किया जा सके। गंगवार बुधवार को पंत कृषि भवन में कृषि प्रसंस्करण, खरीफ फसली ऋण, उपज रहन ऋण योजना, एमएसपी पर सरसों एवं चना खरीद सहित अन्य बिन्दुओं पर जिला स्तर पर पदस्थापित अधिकारियो से वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंजीकृत संस्थाओं का डेटा 31 जलाई तक ऑनलाइन कर दिया जाये। जिससे पारदर्शिता के साथ सूचनाऐं आमजन को मिल सके एवं बेहतर मॉनिटरिंग भी संभव हो सके। प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि फसली ऋण वितरण में ऑनलाइन प्रणाली अपनाने से अच्छे रिजल्ट आए है। इस प्रणाली के कारण दो माह में ही लगभग 20 लाख किसानों को 6 हजार 18 करोड़ रूपये का खरीफ फसली ऋण का वितरण किसानों को हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि नए किसानों को भी फसली ऋण प्रदान किया जाये तथा जो जिले अपने यहां फसली ऋण के लिए और नए किसानों को जोड़ना चाहते है, वे प्रस्ताव भेजें तो उन्हें अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने 50 प्रतिशत से कम ऋण वितरण वाले पांच जिलों के प्रबंध निदेशकों को सख्त लहजे में कहा कि 30 जून तक परफोमेंस सुधारे अन्यथा अनुशासत्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहे। प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा ने कहा कि 2 लाख 91 हजार 936 किसानों से सरसों एवं चना की 7 लाख 36 हजार 186 मीट्रिक टन उपज खरीदी गई है। जिसकी राशि 3 हजार 452 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि बाजार में सरसों के भाव एमएसपी से ऊपर होने की वजह से खरीद केन्द्रों पर आवक कम है। जबकि चना की आवक ज्यादा है। उन्होंने निर्देश दिए कि उपज का समय पर उठाव करें एवं ईडब्लयूआर समय पर जनरेट करें। एफएक्यू मानक से खरीद नही होने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) रश्मि गुप्ता ने कहा कि जो भी सहकारी समितियां अपने कार्य क्षेत्र में किसी प्रकार का नवाचार करना चाहती है या कृषि एवं कृषि उत्पादन से जुडी गतिविधियों के लिए चेन सप्लाई सिस्टम विकसित करना चाहती हैं तो इससे संबंधित प्रस्ताव विभाग को शीघ्र भिजवायें ताकि सरकार द्वारा जुडी योजनाओं का लाभ इन्हे मिल सके। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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