रियायती चावल मिलने से धंधा हुआ मंदा
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रियायती चावल मिलने से धंधा हुआ मंदा

बिजली बिल की दर कम करने हालर मिल संचालकों ने की मांग धमतरी, 14 अक्टूबर ( हि. स.)। शासन के द्वारा राशन कार्ड हितग्राहियों को रियायती दर पर चावल मुहैया कराए जाने से धान को कुटवाने के लिए आने वालों की संख्या घटी है, जिससे हालर मिल व्यवसाय पर संकट मंडराने लगा है। व्यवसाय को बचाने के लिए हालर मिल संचालकों ने बिजली बिल कम करने की मांग की है। मधुबन धाम हालर मिल संघ के रोहित कुमार, चम्मनलाल साहू, पुनितराम, हरिराम ने बताया कि हालर मिल व्यवसाय शासन की योजनाओं के कारण बुरे दौर से गुजर रहा है, पहले केवल गरीबी रेखा नीचे जीवन यापन कर रहे हैं लोगों को ही चावल देने की शुरुआत की गई थी। अब तो सामान्य श्रेणी के परिवार को भी शासन द्वारा रियायती दर पर चावल देना शुरू कर दिया, अब कम कीमत पर सभी परिवारों को चावल मिल जाने के चलते धान लेकर कुटवाने के लिए बहुत कम लोग आते हैं। ऐसे में व्यवसाय करना मुश्किल हो गया है, उपर से बिजली विभाग के द्वारा भारी भरकम बिल वसूला जाता है, जिसे पटाने की स्थिति में हालर मिल संचालक नहीं हैं। शासन के द्वारा जिस तरह बिजली बिल हाफ कर बड़ी राहत लोगों को प्रदान की गई है। उसी तरह हालर मिल संचालकों को भी बिजली बिल की दर कम कर राहत प्रदान की जानी चाहिए तथा नियत मांग प्रभार राशि की वसूली समाप्त की जानी चाहिए, अब पहले की तरह हालर मिल चलती ही नहीं है, ऐसे में नियत मांग प्रभार की राशि वसूलना उचित नहीं है। मांगों को लेकर हालर मिल संघ ने बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मांग करने वालों में पुष्पा साहू, लोचन, धन्नूराम, नोहर, हेमलाल, राधेश्याम साहू, पुरनलाल साहू, चित्रसेन साहू, पंचम, चिंताराम साहू, चंदूराम नेताम, भगतु साहू, अमृतराम साहू, कामता साहू, विनोद साहू, संतराम ध्रुव, गौतम राम शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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