रावण पुतले की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न करने के कलेक्टर एवं जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश
रावण पुतले की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न करने के कलेक्टर एवं जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश

रावण पुतले की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न करने के कलेक्टर एवं जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश

धमतरी, 04 अक्टूबर ( हि. स.)। कोरोना संक्रमण काल में होने वाले दशहरा पर्व के अवसर पर जलने वाले रावण पुतले की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न करने के साथ-साथ कई आवश्यक निर्देश कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने जारी किए हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जेपी मौर्य द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए तथा वर्तमान में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए दशहरा पर्व पर रावण पुतला दहन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। जारी निर्देश के अनुसार पुतले की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न हो। किसी बस्ती, रहवासी इलाके में पुतला दहन न किया जाये। पुतला दहन खुले स्थान पर हो। आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होंगे। अनावश्यक भीड़ एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। कार्यक्रम का यथासंभव ऑनलाईन माध्यमों से प्रसारण किया जाये। पुतला दहन के दौरान आयोजन की वीडियोग्राफी करायी जाये। आयोजक रजिस्टर संधारित करेंगे। पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा। आयोजन करने वाले व्यक्ति अथवा समिति चार सीसीटीवी कैमरा लगायेंगे, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर उनका कांट्रेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। प्रत्येक समिति या आयोजक समय पूर्व सोशल मीडिया में यह जानकारी देंगे कि कोविड-19 कोरोना को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप में किया जायेगा। पुतला दहन में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण एवं पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल, फिजिकल डिस्टेंसिंग,मास्क लगाना एवं समय समय पर सेनेटाईज का उपयोग करना अनिवार्य होगा। रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकता अनुसार अनिवार्यत: बैरीकेटिंग कराया जाये। आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र,डीजे, धुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी। रावण पुतला में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज सज्जा, झांकी अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सेनेटाईजर,थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य लक्षण पाये जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं दिये जाने की जिम्मेदारी समिति आयोजकों की होगी। कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्यतः किया जाना होगा। आयोजन के दौरान यातायात के नियमों का पालन किया जाये। आयोजन के दौरान एमजीटी व शासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम का पालन किया जाना होगा। यदि कोई भी व्यक्ति पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन आयोजकों द्वारा किया जायेगा। जोखिम क्षेत्र में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। पुतला दहन कार्यक्रम की अनुमति पश्चात उपरोक्त क्षेत्र जोखिम क्षेत्र घोषित हो जाता है तो कार्यक्रम तत्काल निरस्त माना जायेगा। एक आयोजन स्थल से दूसरे आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम न हो। आयोजन स्थल के लिए पहले आओ, पहले पाओ नीति के तहत पहले प्राप्त आवेदन को प्राथमिकता दी जायेगी। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 4 जून के अंतर्गत जारी एसओपी का एलन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। किसी शतों का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी। जिसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। शर्तों के अधीन 10 दिवस के पूर्व नगर पालिक निगम एवं स्थानीय निकाय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा। अनुमति प्राप्त होने के बाद ही पुतला दहन की अनुमति होगी। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा। निर्देशों का उल्लंघन होने पर एपीडेमिक, डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य धाराओं के तहत अन्य कार्यवाही की जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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