रायपुरप्रदेश सरकार नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए  ज़रा भी ईमानदार  नहींडॉ रमन सिंह
रायपुरप्रदेश सरकार नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए ज़रा भी ईमानदार नहींडॉ रमन सिंह

रायपुर:प्रदेश सरकार नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए ज़रा भी ईमानदार नहीं:डॉ. रमन सिंह

आत्म समर्पित नक्सलियों व पीड़ित परिवारों को पुनर्वास योजना का लाभ नहीं रायपुर, 19 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सल पीड़ित परिवारों व आत्म समर्पित नक्सलियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर प्रदेश सरकार की नीयत और नीति पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि नक्सलवाद के ख़िलाफ़ प्रदेश सरकार डींगें तो ख़ूब बड़ी-बड़ी हाँकती है,पर नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए वह ज़रा भी ईमानदार नज़र नहीं आ रही है।पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि सन 2004 में बनी नक्सल पीड़ित पुनर्वास कार्ययोजना के तहत घोषित सुविधाओं से वंचित लगभग 500 परिवारों का राजधानी आकर गुहार लगाना प्रदेश सरकार के ढोल की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह नेआज जारी अपने बयान कहा कि 2004 में भाजपा की प्रदेश सरकार के कार्यकाल में बनाई गई इस कार्ययोजना में पीड़ित परिवारों के लिए शासकीय नौकरी, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आर्थिक सहायता, शहरी क्षेत्र में नि:शुल्क आवास, परिवार के दो बच्चों के लिए कक्षा 1 से 12 तक छात्रवृत्ति, एक रुपए में राशन कार्ड, बस यात्रा भाड़ा में 50 फीसदी की रियायत, ज़मीन के बदले ज़मीन, स्वरोज़गार के लिए आवासीय परिसर में नि:शुल्क दुकान और इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों से अनुदान देने के अलावा और भी कई प्रावधान किए गए थे। लेकिन मौज़ूदा प्रदेश सरकार नक्सल पीड़ित और आत्म समर्पित नक्सलियों को ये सुविधाएँ देने में बदनीयती का परिचय दे रही है। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि पुनर्वास योजना का लाभ देने की मांग लेकर राजधानी पहुँचे पीड़ित परिवारों ने प्रदेश के गृह मंत्री से मुलाक़ात करने की कोशिश की, पर सफल नहीं हुए। बाद में प्रेस को जारी अपने पत्र में आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पुनर्वास योजना के लाभ की मांग पर ज़ोर दिया है। इन परिवारों का आरोप है कि उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल रही है। जिन परिवार के लोग नक्सल हिंसा में मारे गए हैं, वे चाहते हैं कि उन्हें पुनर्वास नीति के तहत सुविधाओं का लाभ दिया जाए और मुखबिर चाहते हैं कि उन्हें नौकरी से न निकाला जाए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगाँव ज़िले के 40 नक्सल पीड़ित परिवारों ने उच्च न्यायालय में सन 2019 में याचिका दाख़िल की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, कलेक्टर, एसपी, सहा. आयुक्त ट्राइबल विभाग को पीड़ित परिवारों को शासन द्वारा घोषित सभी सुविधाएँ मुहैया कराने का आदेश दिया था। लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बावज़ूद राजनांगाँव ज़िला प्रशासन ने कुछेक खानापूर्ति करने के अलावा अब तक कोई सार्थक पहल इस दिशा में नहीं की है। हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा-hindusthansamachar.in

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