माघी-पूर्णिमा-के-स्नान-के-साथ-ही-संयम-श्रद्धा-एवं-कायाशोधन-का-कल्पवास-समाप्त
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माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही संयम, श्रद्धा एवं कायाशोधन का कल्पवास समाप्त

अमृत से सिंचित और पितामह ब्रह्मदेव के यज्ञ से पवित्र पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त स्वरूप सलिला के रूप में प्रवाहित सरस्वती के संगम क्षेत्र में माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही एक माह का संयम, अहिंसा, श्रद्धा एवं कायाशोधन का कल्पवास भी समाप्त हो गया। पुराणों और क्लिक »-24ghanteonline.com

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