महिला समूह की राखियों की नहीं हो रही पूछपरख महंगी कीमत है प्रमुख वजह, खुले बाजार से राखी ले रहे ज्यादातर लोग
महिला समूह की राखियों की नहीं हो रही पूछपरख महंगी कीमत है प्रमुख वजह, खुले बाजार से राखी ले रहे ज्यादातर लोग

महिला समूह की राखियों की नहीं हो रही पूछपरख महंगी कीमत है प्रमुख वजह, खुले बाजार से राखी ले रहे ज्यादातर लोग

धमतरी, 28 जुलाई ( हि. स.)।जिले की कुछ महिला स्व सहायता समूह द्वारा बांस गोबर से बनाई गई राखी को आशानुरूप खरीदार नहीं मिल पा रहे। इसके चलते समूह की महिलाएं निराश हैं। शहर के तीन स्थानों पर राखी का स्टाल लगाया गया है, लेकिन इन स्टॉल में अपेक्षित बिक्री नहीं हो पा रही है। लोग जागरूकतावश इन राखियों को लेने पहुंचते भी हैं, लेकिन दाम सुनते ही पीछे हट जाते हैं। इन राखियों की कीमत कम से कम20 रुपये से शुरू होती है, जिसके चलते लोग राखियों को खरीदने की बजाय देखना ही पसंद कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार धमतरी शहर के रत्नाबांधा चौक, बिलाई माता मंदिर चौक और मकई चौक के पास ओज नाम से जिला पंचायत के मार्गदर्शन में बनाए गए रनों का विक्रय किया जा रहा है। राखी खरीदने पहुंचे धीरेंद्र कुमार देवांगन, अशोक सिन्हा ने बताया कि महिला स्व सहायता समूह को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य यह अनोखी पहल है। महिलाओं की मेहनत राखियों में देखी जा सकती है। यह राखी देखने में काफी आकर्षक है, इसकी कीमत भी आकर्षक होनी चाहिए थी, ताकि कम बजट में राखी खरीदने वाले इसे खरीद सके।।राखियों की कीमत अधिक होने के कारण इसे खरीदने का मन नहीं करता। एक अन्य विक्रेता राधिका सिन्हा, पूना बाई साहू ने कहा कि राखियों की कीमत कम रखी जानी चाहिए। यदि राखी की कीमत कम होती तो वे यहां से राखी अवश्य खरीदती। जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने बड़े पैमाने पर चार तरह की राखियां बनाई हैं, जिन्हें बाजार में 20 रूपए से 200 रूपए तक बेचा जा रहा है। रािखयों में बच्चों की राखियां, बांस की राखियां, गोबर की राखियां तथा कुमकुम-अक्षत बंधन शािमल हैं। इन राखियों का निर्माण राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ‘बिहान‘ अंतर्गत धमतरी के ग्राम छाती स्थित मल्टी युटिलिटी सेंटर में िकया गया है। ग्राम छाती के अलावा नगरी विकासखण्ड के ग्राम छिपली तथा कुरूद के ग्राम नारी के कुल 20 समूहों की 165 महिलाओं ने राखियों को तैयार िकया है। स्टाल में मिल रही है ये राखियां बच्चों के लिए बनाई गई ओज राखी मुलायम इरेजर, शार्पनर, की-चेन, छोटा भीम, गणेशा, सेंटाक्लाॅज राखी। इसी तरह भाई-बहन के साथ-साथ ननद-भाभी के रिश्ते को मजबूत बनाने कुमकुम अक्षत राखी भी बिक रही है। बांस की हस्त निर्मित राखी, बीज राखी भी यहां के स्टाल में है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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