मप्र: लोगों ने अपने घरों एवं गार्डन में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया योगाभ्यास
मप्र: लोगों ने अपने घरों एवं गार्डन में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया योगाभ्यास

मप्र: लोगों ने अपने घरों एवं गार्डन में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया योगाभ्यास

भोपाल, 21 जून (हि.स.)। योग एक प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति है, जिसके माध्यम से शरीर, मन और मस्तिक को पूर्ण रूप से स्वस्थ्य किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रविवार को मध्यप्रदेश में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं, विद्यार्थियों और नागरिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अपने घरों तथा गार्डन में योग किया और निरोगी रहने का संदेश दिया। इस दौरान योगगुरुओं द्वारा बताया गया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि अपरिहार्य हो गई है। इसके लिए योग एवं प्राणायाम दैनिक रूप से अपनाना अत्यंत लाभकारी है। पूरे विश्व में भारत ने योग एवं प्राणायाम का संदेश दिया है। विश्व योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने परिवार के साथ घर में ही रहकर योगाभ्यास किया। उन्होंने कहा कि योग से आप शक्ति और सकारात्मकता से भर जाते हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आपने प्रदेश के सभी नागरिकों से अपील की है कि आज संकल्प लें कि सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि प्रतिदिन योग करेंगे। प्रदेश में नागरिकों, बच्चों, युवाओं एवं जन अभियान परिषद प्रस्फुटन समिति के सदस्यों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामुदायिक नेतृत्वकर्ताओं द्वारा घर पर ही योग कर संदेश दिया गया कि योग के एक नहीं अनेक लाभ है, प्रतिदिन योग करे और स्वस्थ रहें तथा अन्यों को भी योग करने के लिए प्रेरित करें। बता दें कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अपने घरों में मनाने के निर्देश दिये थे और सामूहिक योग के कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया था। लोगों द्वारा पूरे उत्साह के साथ घरों में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए योग क्रियाएं की गई। शिक्षा विभाग द्वारा भी योग दिवस का आयोजन किया गया। प्रदेशभर में अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों के साथ-साथ युवाओं एवं बच्चों ने योग करके अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / उमेद सिंह रावत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in