बिना ऑपरेटर के ई-मंडी का सपना हो सकता है चकनाचूर
बिना ऑपरेटर के ई-मंडी का सपना हो सकता है चकनाचूर

बिना ऑपरेटर के ई-मंडी का सपना हो सकता है चकनाचूर

- 30 जून तक सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने का फरमान जारी नजीबाबाद (बिजनौर), 23 जून (हि.स.)। नजीबाबाद कृषि उत्पादन मंडी समितियों में बिना ड्राइवर के ही गाड़ी चलाने की तैयारी हो रही है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश की सभी मंडी समितियों से 30 जून तक आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने का फरमान जारी हुआ है । बिना तैयारी के आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने से ई मंडी के ऑनलाइन कामकाज पूरी तरह से ठप्प होने के आसार बने हुए हैं। मंडी के अधिकारियों ने भी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है। कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते देश पर आर्थिक संकट आ पड़ा है । उत्तर प्रदेश की मंडियों से मंडी टैक्स समाप्त कर सरकार ने 1% यूजर चार्ज लेने का फैसला लिया था जिसकी कवायद प्रदेश की सभी मंडियों में चल रही है। मंडी निदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश की सभी मंडियों को पत्र भेजकर कम आय का हवाला देते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों को 30 जून तक हटाने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश की जानकारी जैसे ही आउटसोर्स कर्मचारियों को पहुंची तो उनमें रोजगार संकट को लेकर हड़कंप मच गया । आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि जब लोग लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में कैद थे तब हम लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मंडी के सभी कार्यों को अंजाम दिया है । हमारा परिवार पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है एक तरफ सरकार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करा रही है तो वहीं दूसरी और हमें बेरोजगार किया जा रहा है । वर्तमान परिस्थिति में हमें दूसरा काम भी मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है । आउटसोर्स कर्मचारियों ने अचानक सेवाएं समाप्त हो जाने को लेकर अपनी हड़ताल जारी करते हुए सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है । जिले में मंडी के अधिकारियों ने अचानक आउटसोर्स कर्मचारी (कंप्यूटर ऑपरेटर) हटाए जाने पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए उच्च अधिकारियो को पत्र लिखकर बताया है कि मंडी समितियों से ऑपरेटर हटाए जाने पर ई-मंडी और ई-नाम की योजना प्रभावित होगी । जिले की मंडी समितियों में पहले ही कर्मचारियों का टोटा चल रहा है । मंडी में काम करने वाले स्थाई कर्मचारियों की उम्र और अनुभव को देखते हुए मंडी समितियों का कामकाज चौपट होने की आशंका जताई जा रही है । आधुनिक युग में मंडी समितियों को ऑनलाइन किया गया है जिसके लिए रोजाना डाटा अपडेट किया जाता है । अब तो मंडियों में लाइसेंस भी ऑनलाइन हो गए हैं । तत्काल अधिकारियों द्वारा सूचनाएं मांगी जाती है । मंडी जानकारों का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के हट जाने से जिले की मंडियों की स्थिति ऐसी हो जाएंगी जैसे बिना ड्राइवर के वाहन को चलाना मुश्किल होता है । आउटसोर्स कर्मचारियों के हट जाने से ई-मंडी और ई-नाम जैसी योजनाएं धराशाई हो सकती है । मंडी परिषद मुरादाबाद के डीडीए (प्रशासन) कैलाश भार्गव ने बताया कि गत 5 जून को सरकारी अध्यादेश से हमारे अधिकार सीमित हो गए हैं । मंडी टैक्स समाप्त हो जाने पर मंडियों की आय भी कम हो गई है । शासनादेश के अनुसार स्थाई स्टाफ को प्रशिक्षित कर उसी से काम कराया जाएगा । आउट सोर्स कर्मचारियों को ना हटाने को लेकर कई मंडी समितियों की ओर से भी पत्र आए हैं जिसमें काम प्रभावित होने का हवाला दिया गया है। सभी समस्याओं से लखनऊ को अवगत करा दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/रिहान अन्सारी-hindusthansamachar.in

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