फुटपाथी व्यापारियों को नहीं भायी स्वनिधि ऋण योजना
फुटपाथी व्यापारियों को नहीं भायी स्वनिधि ऋण योजना

फुटपाथी व्यापारियों को नहीं भायी स्वनिधि ऋण योजना

धमतरी, 31 अक्टूबर ( हि. स.)। कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर पड़े शहरी फुटपाथी व्यापारियों को मदद के रूप में लाई गई ऋण योजना कर को लेकर फुटकर व्यवसायियों में खासा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। दो माह के भीतर केवल 421 ने ही ऋण के लिए आवेदन किया है। इसमें से केवल 100 लोगों का ही ऋण स्वीकृत हुआ है। 112 ने तो ऋण के लिए आवेदन ही नहीं किया है। बाकी का प्रकरण बैंकिंग प्रकिया में उलझा हुआ है। फुटकर व्यवसायियों का कहना है कि ऋण के रूप में में जो राशि दी जा रही है वह राशि काफी कम है। यदि राशि को बढ़ा दिया जाता है तो वे स्वयं यह राशि लेने आगे आते। सड़क किनारे ठेले-खोमचे या पसरा लगाकर छोटा-मोटा व्यापार करने वालों की संख्या शहर में 800 से अधिक है। निगम के आंकड़ों के हिसाब से यहां 533 फुटकर व्यवसायी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री स्वनिधि आत्मनिर्भर योजना का लाभ लेने मात्र 421 ने ही आवेदन दिया हैैै। नगर निगम ने इसमें 100 लोगों को बैंकों से ऋण दिला भी दिया है, जबकि बाकी प्रकरण लंबित हैं। बिना ब्याज अनुदान वाली इस ऋण योजना को छोटे व्यापारी भी नाकाफी बताकर लाभ लेने से पीछे हट रहे हैं। दूसरा कारण ऋण अनुदान का न होना है। लगभग चार माह पहले केंद्र सरकार ने जब प्रधानमंत्री स्वनिधि आत्मनिर्भर योजना लांच की, तब माना जा रहा था कि कोरोना संकट के चलते व्यापार बंद रहने से परेशान लोग इस योजना को हाथों लेंगे। लेकिन नतीजा ठीक विपरीत रहा। योजना का लाभ लेने वालों को कोई अनुदान नहीं है। सिर्फ ब्याज पर ही अनुदान है। वह भी सात प्रतिशत से ज्यादा होने पर। दूसरी बात ऋण लेने वाले फुटपाथी व्यापारियों को सालभर के भीतर ही लोन राशि अदा करनी है। कोरोना की स्थिति अभी सामान्य हुई नहीं है। ऐसे में ब्याज के साथ नियमित किश्त दे पाना मुश्किल काम हो सकता है। यही कारण है कि ज्यादातर लोगों ने ऋण के लिए आवेदन ही नहींं किया। स्वनिधि ऋण योजना प्रभारी विमल साहू ने बताया कि धमतरी में 533 पंजीकृत फुटकर व्यापारी हैं। इसमें से 421 ऋण के लिए आवेदन किया है। 100 को ऋण मिल चुका है। 321 प्रकरण लंबित है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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