फिर बंद न हो जाए इस असमंजस में खाली टोकरियां लेकर पहुंचे सब्जी व्यवसायी
फिर बंद न हो जाए इस असमंजस में खाली टोकरियां लेकर पहुंचे सब्जी व्यवसायी

फिर बंद न हो जाए इस असमंजस में खाली टोकरियां लेकर पहुंचे सब्जी व्यवसायी

उदयपुर, 27 जून (हि.स.)। कोरोना की महामारी के चलते करीब 100 दिन से बंद पड़ी उदयपुर शहर के भीतरी क्षेत्रों के पारम्परिक सब्जी मंडियां शनिवार को खुलीं। हालांकि, फिर बंद न हो जाएं या बैठने दिया जाय या न जाय इस असमंजस को लेकर छोटे सब्जी व्यवसायी खाली टोपले (टोकरियां) लेकर ही पहुंचे। इस बीच, सब्जी व्यवसायियों ने अब इन पारम्परिक सब्जी मंडियों में फिर से व्यापार की उम्मीद भी जताई है। दरअसल, उदयपुर के अतिव्यस्त माने जाने वाले धानमण्डी क्षेत्र की तीज का चौक सब्जी मंडी और मुखर्जी चौक स्थित शाहपुरा सब्जी मंडी लॉक डाउन के साथ ही बंद कर दी गई थीं। इस अवधि के दौरान स्थानीय नगर निगम के जनप्रतिनिधियों ने सब्जी मंडियों में विके्रताओं के बैठने के निर्धारित स्थल पर रेखांकन भी कर दिया ताकि कोई अतिक्रमण न करे और कोई भी निर्धारित संख्या से ज्यादा टोकरे न रखे। इसे लेकर एक-दो बार बहस की स्थिति भी बनी तो नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी ने स्पष्ट कर दिया कि जिसके पास लाइसेंस है उसे ही सब्जी मंडी में बैठने दिया जाएगा, साथ ही निर्धारित जगह पर ही निर्धारित संख्या में टोपले रखकर ही व्यापार कर सकेगा ताकि खरीदारों को भी आने-जाने की उचित जगह मिले। वर्ना इससे पहले तीज का चौक सब्जी मंडी में खरीदारों के आने-जाने जितनी भी जगह नहीं रहती थी। शनिवार को पहुंची सब्जी विक्रेता महिलाओं ने अपने टोपले रेखांकन की हद में रखे, फिर भी कई सब्जी विक्रेता महिलाएं निर्धारित से ज्यादा टोपले लेकर आईं और निर्धारित रेखा से बाहर भी उन्हें रख दिया। कई लोगों ने इस पर आपत्ति भी की है और प्रशासन व नगर निगम से पहले ही दिन से इन्हें हद में रखे जाने का आग्रह किया है ताकि बाद में फिर पुरानी स्थिति न बन जाए। इधर, नौजवान मेवाफरोशान इंतेजामिया सोसायटी के सचिव मोहम्मद छोटू कुरैशी ने सब्जी मंडियों के खुलने पर खुशी जताई है और कहा है कि इससे इस कार्य से जुड़े परिवारों की इतने दिनों की बेकारी खत्म होगी। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप-hindusthansamachar.in

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