फतेहपुर जनपद में योग के प्रति महिलाओं का बढ़ा रूझान
फतेहपुर जनपद में योग के प्रति महिलाओं का बढ़ा रूझान

फतेहपुर जनपद में योग के प्रति महिलाओं का बढ़ा रूझान

फतेहपुर, 17 जून (हि.स.)। भारतीय योग शिक्षा से व्यक्ति का तन व मन दोनों स्वस्थ व सुन्दर बनते हैं। अभी तक योग के प्रति पुरूषों की ही रुची देखी जा रही थी, लेकिन अब महिलाएं भी योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाती नजर आने लगी हैं। अपने शारीरिक सौष्ठव व मानसिक स्वस्थता के लिए बढ़ चढ़ कर योग कक्षाओं में हिस्सा ही नहीं ले रही बल्कि अब तो महिलाएं अपने नेतृत्व व संचालन में फतेहपुर जिले में अपनी अलग योग कक्षाएं भी लगाने लगी हैं। - योग से ही महिलाओं की निखरती सम्पूर्ण सुन्दरता जिले की इस अनूठी व अद्वितीय पहल से योग के प्रति महिलाओं की जागरूकता की झलक देखने को मिल रही है। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि अब महिलाएं अपनी शारीरिक सौष्ठव को निखारने का राज योग को मानने लगी हैं। जिले में योग कक्षाएं स्वामी बाबा रामदेव की पहल से 2004 के लगभग शुरू हुई थी। तब से आज तक जिला मुख्यालय के पटेल प्रेक्षागृह में योग कक्षा लगती आ रही है। इस योग कक्षा की प्रेरणा से यहां से दक्ष होकर निकले शिष्य अनेक स्थानों पर योग कक्षा की अलख जगा रहे हैं। जिनमें एक ऐसी योग कक्षा भी है जिसका संचालन जिले की गीता सिंह करती है। उनकी योग कक्षा जिले में नारी सौष्ठव योग कक्षा के रूप में ख्याति प्राप्त कर रही है। जो आवास विकास के पार्क में लगती है। वह गर्मियों में सुबह 5.30 बजे अपनी योग कक्षा में आ जाती हैं। उनकी योग कक्षा में करीब एक दर्जन महिलाएं योग का लाभ प्राप्त कर रही हैं। जिले की यह योग कक्षा महिलाओं की योग के प्रति रूचि को प्रदर्शित कर रही है। योग कक्ष संचालिका गीता सिंह ने बताया कि योग से मनुष्य के जीवन में लाभों के बारे में भारतीय साहित्य में तो बहुत पढ़ा लेकिन उन लाभों को जीवन में उतारने का सुअवसर स्वामी परमार्थ देव व आचार्य कमलेश योगी के सानिध्य में रहकर उनकी योग कक्षाओं में नियमित रूप से भाग लेने के बाद मिला। उन्होंने बताया कि स्वामी बाबा रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से वह 2012 में जुड़ी और आज उनकी प्रेरणा से योग कक्षा के माध्यम से जिले की महिलाओं को योग के महत्व व फायदे से साक्षात् करा रही हैं। उन्होंने बताया अभी तक वह लगभग दो सौ से अधिक महिलाओं को अपनी योग कक्षा में शामिल कर चुकी हैं। योग कक्षा में शामिल होने आयीं रागिनी श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें पेट व कमर दर्द की असाध्य बीमारी थी। बहुत ईलाज कराया लेकिन स्थाई फायदा कभी नहीं मिला। फिर मैं गीता दीदी के सम्पर्क में आईं तो उन्होंने मुझे योग कक्षा में आने का आग्रह किया। तब से दो साल से मैं लगातार गीता दीदी की योग कक्षा की सदस्य हूँ। मुझे मेरी बीमारियों में आज पूरी तरह से लाभ मिला है। सुबह-सुबह एक घंटा योग करने के बाद तन-मन में दिन भर स्फूर्ति बनी रहती है। पहले से अधिक सुन्दर व आकर्षक दिखने लगी हूँ जिससे मेरा वैवाहिक जीवन भी सुखद बना है। वही निहारिका पाण्डेय ने बताया मैं एक वर्ष से नियमित रूप से गीता दीदी की योग कक्षा में आती हूँ। मं मानसिक अवसाद की स्थित में पहुँच गई थी। जिसके कारण परिवार के साथ अक्सर विवाद बना रहता था। लेकिन योग कक्षा में नियमित रूप से आते रहने के बाद आज मैं पूर्ण रूप से ठीक ही नहीं हूँ बल्कि पूरे परिवार के प्रति मेरा नजरिया ही बदल गया। जिससे अब सभी मेरे साथ घुलमिल कर प्यार से रहते है और मेरा भी परिवार में सम्मान व प्यार बढ़ गया है। योग कक्षा में आने से मुझे प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है। हिन्दुस्थान समाचार/देवेन्द्र/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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