प्रस्तावित जमीन की बजाए अन्य आदिवासी की जमीन में पंचायत भवन निर्माण
प्रस्तावित जमीन की बजाए अन्य आदिवासी की जमीन में पंचायत भवन निर्माण

प्रस्तावित जमीन की बजाए अन्य आदिवासी की जमीन में पंचायत भवन निर्माण

कोण्डागांव 11 अगस्त (हि.स.)। जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत बादालूर के ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर अपनी फरियाद लगाई थी। इसके बावजूद भी ग्रामीणों की फरियाद पर उचित कार्यवाही न होता देख पीड़ित ग्रामीणों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को अपनी आप बीती व्यक्त करते हुए आवेदन लिखने का मामला संज्ञान में आया है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बादालूर में पंचायत भवन के लिए सर्वसम्मति से प्रस्तावित, पटवारी से नक्शा बनाने के बाद तकनिकी अधिकारी द्वारा ले आउट देने पर नींव खोदे जा चुके जमीन की बजाए, एक आदिवासी के पट्टे की जमीन में ग्रा.पं.भवन निर्माण किए जाने का विरोध करते हुए, लामबंद होकर बादालूरवासियों ने कलेक्टर से मिलने पहुंचे और वहाँ भी मामले का समाधान न होता देख ग्रामीण नाराज होकर सरपंच सहित बादालूरवासियों ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पत्र भेज दिया है। ग्राम सरपंच सहित स्थानीय ग्रमीण हुए लामबंद - विकासखंड कोण्डागांव के अंतर्गत आने वाले ग्राम बादालूर की सरपंच हेमलता कोर्राम, पारेष्वर कोर्राम, उलेष्वर कोर्राम, पदम सिंह कोर्राम, भोमेष्वर कोर्राम, राजेष कोर्राम, गनूराम कोर्राम, धनीलाल यादव सहित अन्य ग्रामवासियों ने बताया कि, वे सभी 10 अगस्त को कलेक्टर से मिलने पहुंचे एवं सर्वसम्मति से प्रस्तावित जमीन की जगह बिना हिस्सा बंटवारा हुए आदिवासी परिवार की संयुक्त पट्टे की जमीन जिस पर, उक्त परिवार के रघुराम कोर्राम पिता पिलसाय कोर्राम द्वारा आपत्ति भी किया जा चुका है की पट्टे की जमीन में निर्माण किए जा रहे ग्रा.पं.भवन के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के लिए न्यायिक शुल्क लगा लिखित आवेदन दिया। जिस पर कलेक्टर द्वारा हमारी बात तो सुनी गई, लेकिन साथ ही हमें यह हिदायत भी दिया गया कि, हम वर्तमान में बनवाये जा रहे जगह पर ही ग्रा.पं.भवन का निर्माण होने दें। हिन्दुस्थान समाचार/ राजीव गुप्ता-hindusthansamachar.in

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