प्रवासी श्रमिकों को परदेश ने बिसराया, अब घरवालों ने मनरेगा से अपनाया
प्रवासी श्रमिकों को परदेश ने बिसराया, अब घरवालों ने मनरेगा से अपनाया

प्रवासी श्रमिकों को परदेश ने बिसराया, अब घरवालों ने मनरेगा से अपनाया

धौलपुर, 07 जून (हि.स.)। कभी रोजी रोटी की तलाश में अपना घर छोडने वाले प्रवासी श्रमिकों को अब कोरोना संकट के चलते परदेश ने बिसरा दिया है। परदेश में रोजी रोटी छिनने के बाद में घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को अपनी ही धरती ने अपना लिया है। कोरोना के चलते मायूस होकर घर वापस लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को अब घर में ही काम मिल रहा है। मनरेगा के कुशल प्रबंधन तथा बडे पैमाने पर रोजगार मुहैया कराने के कारण ही धौलपुर जिले में यह सब संभव हो पाया है। धौलपुर जिले में मनरेगा में रोजगार अब सौ हजार के पार हो गया है। जबकि बीते पांस सालों में मनरेगा में रोजगार का आंकडा महज 31 हजार ही रहता आया है। कोरोना वायरस संक्रमण एवं लॉकडाउन अवधि में प्रवासी श्रमिकों के जिले में लौटने तथा उन्हें रोजगार मुहैया करवाने की कड़ी चुनौतियों के बीच धौलपुर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर ही एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इससे ग्रामीणों को एक ओर जहां आर्थिक संबंल मिला, तो वहीं दूसरी ओर अपनी माटी के प्रति उनकी श्रद्वा और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यही बजह है कि पदेश में रोजगार छिनने के बाद में घर लौटे प्रवासी श्रमिकों के पास में रोजगार का संकट नहीं है। राजस्थान के सुदूर पूर्व में जिले धौलपुर में केवल आधारित कृषि आय के साधन होने तथा बड़े उद्योगों के अभाव में यहां के हजारों लोग देश के अन्य प्रांतों में में रोजगार हेतु कार्यरत हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन के वापस अपने घर लौटे प्रवासी श्रमिकों के रोजगार तथा इस अवधि में बेरोजगार हुए स्थानीय निवासियों के लिए भी रोजगार की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी। इस बीच राज्य सरकार के निर्देशानुसार महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत रोजगार की उपलब्धता यहां के निवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य गतिविधियां बाधित होने से ग्रामीणों के साथ रोजगार का संकट खड़ा हो गया। ऐसी विकट स्थिति में मनरेगा योजना ने आर्थिक संबल प्रदान किया है। अभी तक जिले में वन विभाग ,वाटरशेड, सड़क पटरी निर्माण, तालाब व पोखर खुदाई सहित अन्य 2025 कार्यो पर एक लाख 7 हजार 543 श्रमिक नियोजित किये जा चुके हैं तथा बढ़ती आवश्यकता के अनुसार विभिन्न कार्य स्वीकृत किए जा रहें हैं। हिन्दुस्थान समाचार / प्रदीप/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in