प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा है मछली का क्रय-विक्रय
प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा है मछली का क्रय-विक्रय

प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा है मछली का क्रय-विक्रय

चंदेरी, 19 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश शासन के द्वारा वर्षा ऋतु में मछली के प्रजनन की अवधि 16 जून से 15 अगस्त तक होने के कारण मध्यप्रदेश शासन के अधिनियम 1972 की धारा 1 ( 2) के अंतर्गत 15 जून से 15 अगस्त तक की अवधि में मछली पकड़ने को लेकर क्रय विक्रय तथा परिवहन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर अशोकनगर द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले की सीमाओं में किसी भी प्रकार से कोई व्यक्ति अथवा संस्थाएं प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी जलाशय मे न तो मछली पकड़ सकते है और ना ही उसका परिवहन कर क्रय विक्रय कर सकते है । जिला कलेक्टर का आदेश होने के बाद भी नगर में धड़ल्ले से अधिकारियों के संरक्षण में मछली क्रय विक्रय के कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है । जब इस संबंध में मत्स्य महासंघ के क्षेत्रीय प्रबंधक बीके श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने मीडिया को मौखिक रूप से बताया कि पंकाज मछली इस प्रतिबंध से मुक्त रखी गई है, लेकिन लिखित आदेश हमारे पास नहीं है नगर में प्रतिवर्ष अधिकारियों की मौन स्वीकृति से मछली का लाखों रुपए का व्यापार किया जाता रहा है जिसका लाभ निजी तौर पर अधिकारियों द्वारा सांठगांठ कर उठाया जाता है, जब मीडिया ने निजामुद्दीन चौराहे पर मछली की गाड़ी खाली होने की सूचना संबंधित अधिकारियों को गई फिर भी अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही ना करना गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देता है, जबकि आदेश में स्पष्ट दर्शाया गया है कि प्रतिबंध होने के दौरान यदि कोई भी आदेश का उल्लंघन करता है तो उसे 5000 रुपये का जुर्माना अथवा 1 वर्ष की कैद हो सकती है या फिर दोनों ही सजाएं दी जा सकती है। क्षेत्रीय मत्स्य महासंघ के स्थानीय कार्यालय में पदस्थ दीपक परिहार सुपरवाइजर तथा बृजेश रैकवार ऑफिस बॉय मौका स्थल पर पहुंचकर खाली की जा रही मछली की गाड़ी का मौका मुआयना तो करते हैं, लेकिन मौका स्थल का पंचनामा तैयार नहीं करते तथा इस संबंध में किसी प्रकार का लिखित प्रतिवेदन भी वरिष्ठ अधिकारी को प्रस्तुत नहीं किया । चंदेरी के मत्स्य महासंघ क्षेत्रीय प्रबंधक बीके श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे द्वारा मौका स्थल पर कर्मचारियों को भेजा गया था जिनके द्वारा बताया गया कि जो मछली परी बहन के माध्यम से आई है वह पंकाज प्रजाति की है और इस प्रजाति की मछली को प्रतिबंधित से मुक्त रखा गया है, लेकिन इस प्रकार का लिखित आदेश हमारे पास नहीं है। वहीं अशोकनगर के मत्स्य उद्योग के सहायक संचालक एलएन मनोरिया का कहना है कि कलेक्टर महोदय के द्वारा किए गए आदेश में किसी भी प्रकार की मछली को जलाशय से पकड़ने परिवहन करने तथा क्रय विक्रय करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है किसी भी प्रजाति की मछली को इसमें छूट नहीं दी गई मत्स्य महासंघ के क्षेत्रीय प्रबंधक को भी यह अधिकार है कि वह पंचनामा बनाकर परिवहन की जा रही मछली के दोषियों पर कार्रवाई कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/निर्मल विश्वकर्मा/राजू/उमेद सिंह रावत-hindusthansamachar.in

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