पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में किसी धर्म का प्रसार-प्रचार करना असंवैधानिक : सर्व आदिवासी समाज
पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में किसी धर्म का प्रसार-प्रचार करना असंवैधानिक : सर्व आदिवासी समाज

पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में किसी धर्म का प्रसार-प्रचार करना असंवैधानिक : सर्व आदिवासी समाज

सुकमा, 10 नवम्बर (हि.स.)। जिले के ग्राम बुड़दी के गायता, पैरमा, पटेल की उपस्थिति में जिला स्तरीय सर्व आदिवासी समाज द्वारा बैठक सोमवार को आयोजित किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों से चर्चा कर घर वापसी करवाने का रहा। आदिवासी समाज प्रमुखों ने बताया कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में किसी धर्म को लेकर प्रसार-प्रचार करना भी असंवैधानिक है। किसी समुदाय को बहला-फुसलाकर उनकी संस्कृति रुड़ी प्रथा से अलग करना भी अनुसूचित क्षेत्र 244 (1)(2) में किसी बाहरी व्यक्ति को बिना पारम्परिक ग्राम सभा के अनुमति का प्रवेश करना एवं किसी धर्म या अन्य का प्रसार-प्रचार करना प्रतिबंधित है। उक्त बैठक में सर्व आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी एवं प्रमुखों के द्वारा धर्म परिवर्तन किए गए लोगों को धर्म परिवर्तन करने से समाज का मूल सांस्कृतिक पहचान खत्म होने के साथ-साथ भविष्य में हमारे संवैधानिक प्रावधानों और रूढि़ व प्रथा पर संकट गहराने की बात कही है। इस प्रकार की कोई भी गतिविधि यदि आदिवासी क्षेत्रों में होता है तो उस पर गांव के पारम्परिक मुखिया जैसे गायता, पेरमा,पटेल, वड्डे आदि नजर रख सकते है। बैठक में समाज प्रमुख कवासी मंगल के द्वारा धर्म परिवर्तन के संबंध में बहुत ही बारीकी व सरलता के साथ समझाने का प्रयास किया गया। बैठक में उपस्थित समाज प्रमुख उमेश सुंडाम, मेघनाथ बघेल, बालचंद नाग, सहदेव नाग, माड़वी गणेश, कवासी लखमा, प्रफुल नाग सहित हजारों की संख्या में सामाजिक सदस्य मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे-hindusthansamachar.in

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