परिजनों ने दी गुलशन को अंतिम विदाई
परिजनों ने दी गुलशन को अंतिम विदाई

परिजनों ने दी गुलशन को अंतिम विदाई

पटना के जिस मकान में बीता बचपन वहां स्मारक बनेगा सुशांत फाउंडेशन से प्रतिभाशाली बच्चों को मिलेगा प्रोत्साहन पटना, 27 जून (हि.स.) । बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का पटना के राजीव नगर स्थित आवास पर शनिवार को श्राद्धकर्म का अनुष्ठान हो रहा है। यह रविवार तक चलेगा। शनिवार की सुबह से ही विशेष अनुष्ठान किये गए। दुख की इस घड़ी में सुशांत सिंह राजपूत के परिवारवालों ने एक संदेश जारी किया है। इसमें परिवार वालों ने बताया है कि उनके जाने से जो रिक्तता हुई है, उसे कभी भरा नहीं जा सकता है। इस शून्य से हम स्तब्ध हैं। उन्होंने पटना के उस मकान को जिसमें सुशांत का बचपन बिता है, उसे उनका स्मारक बनाया जाएगा। इस मौके पर सुश्न्त के परिजनों के साथ मुंबई की फ़िल्म नगरी की कई हस्तियों ने सुशांत को श्रद्धांजलि दी। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को मुंबई के बांद्रा के अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर कर ली थी। एक्टर सुशांत सिंह राजपूर के निधन पर पूरा देश अभी तक सदमें में है। कई लोगों को तो यकीन ही नहीं हो रहा कि इतना प्यारा और हमेशा खुश दिखाई देने वाला अभिनेता सुसाइड भी कर सकता है। 15 जून को उनका अंतिम संस्कार मुंबई में ही किया गया था। इन सब के बीच सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह अपने इकलौते बेटे के निधन के बाद टूट गए हैं। उम्र के इस पड़ाव पर जब इंसान को सहारे की जरुरत होती है, ऐसे में 34 साल के जवान बेटे की मौत ने पिता को तोड़ दिया है। इस दुःख से उबरने के लिए सुशांत के परिवार ने उसके पटना के राजीव नगर नगर स्थित पैतृक आवास को स्मारक बनाने का फैसला लिया है। सुशांत का बचपन राजीव नगर के इसी माकन में बीता था। उसके परिजनों ने सुशांत की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए सुशांत सिंह राजपूत फाउंडेशन की स्थापना की है। इसका उद्देश्य सुशांत के पसंदीदा क्षेत्र जैसे सिनेमा, खेल और विज्ञान की उभरती प्रतिभाओ को समर्थन देना है। सुशांत के इंस्ट्राग्राम पेज को करोड़ों प्रशंसक फॉलो करते हैं। ऐसे में लिगेसी अकाउंट की तरह इसे चलाए रखना चाहते हैं जिससे सुशांत से दिल का रिश्ता हमेश बना रहे। गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान सुशांत के पिता ने कहा कि जब वह छोटा था, तब वह अपनी फीलिंग्स को उनके साथ शेयर करता था, लेकिन पिछले कई सालों से वह एकांत में रहने लगा था। भर्राई आवाज में उन्होंने कहा कि 'पहले तो सब बोलता था पर अंत में क्या हुआ, उसने बताया नहीं। उन्होंने कहा कि जो लिखा होता है वहीं होता है। मैंने हमेशा कोशिश यही की कि उसे कोई परेशानी न हो लेकिन अंतिम समय में क्या हुआ उसने मुझे कुछ बताया भी नहीं। हिन्दुस्थान समाचार /राजीव /विभाकर-hindusthansamachar.in

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