पदोन्नति में आरक्षण की मांग छोड़े दलित नेताः एआईईएफ

पदोन्नति में आरक्षण की मांग छोड़े दलित नेताः एआईईएफ

पदोन्नति में आरक्षण की मांग छोड़ें दलित नेता : एआईईएफ नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय समानता मंच (एआईईएफ) ने शनिवार को दलित नेताओं द्वारा पदोन्नति में आरक्षण संबंधित सभी कानूनों को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग छोड़ने की अपील की है। साथ ही संगठनों ने 2 मार्च को उच्चतम न्यायालय के फैसले को उत्तराखंड में लागू करने के लिए आयोजित अनिश्चितकालीन धरने को समर्थन देने का भी ऐलान किया है। शनिवार को यहां प्रेस क्लब में अखिल भारतीय समानता मंच के नेतृत्व में सर्वजन हिताय रक्षण समिति, उत्तर प्रदेश, सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था मध्य प्रदेश, जनरल कटेगरी एम्पलाइज फेडरेशन पंजाब, अहिंसा- कर्नाटक, उत्तराखंड जनरल ओबीसी एसोसिएशन, आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी ओसी एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन, तेलंगाना इलेक्ट्रिसिटी, ओसी एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन सहित अन्य एसाेसिएशन ने संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। संवाददाता सम्मेलन में इन संगठनों ने पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित कुछ संवैधानिक प्रावधानों और आरक्षण से संबंधित सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के अलावा उसके न्यायिक जांच से बचने के प्रस्ताव पर अपनी राय व्यक्त किए। संगठनों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद एक केंद्रीय मंत्री ने इसका विरोध जताते हुए यह प्रस्ताव किया है कि आरक्षण से संबंधित कानूनों को न्यायिक विवेचना से बचाने के लिए इसे 9वीं अनुसूची में डालकर इसे सुरक्षा कवच प्रदान किया जाना चाहिए। संगठनों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले 50 वर्षों के फैसलों तथा निर्देशों को आधार मानते हुए ही यह निर्णय पारित किया है। इसके बावजूद कई राजनीतिक दलों के नेतागण इस पर अनावश्यक हो-हल्ला मचा रहे हैं। इन संगठनों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को उत्तरखंड में लागू करने के लिए राज्य के सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के अधिकारियों -कर्मचारियों एवं शिक्षकों द्वारा 2 मार्च को होने वाली प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल काे समर्थन किया है। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र-hindusthansamachar.in

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