नि:स्वार्थ भाव से योग का 'प्रकाश' फैला रहे हैं प्रकाश
नि:स्वार्थ भाव से योग का 'प्रकाश' फैला रहे हैं प्रकाश

नि:स्वार्थ भाव से योग का 'प्रकाश' फैला रहे हैं प्रकाश

अनिल सिंह बांदा, 21 जून ( हि.स.)। कभी हॉकी के खिलाड़ी रहे और कुश्ती में महारत हासिल करने वाले 70 वर्षीय प्रकाश साहू पिछले 16 वर्षों से निस्वार्थ भाव से लगातार जाड़ा हो या गर्मी योग शिविर चलाकर लोगों को योग विद्या से फिट रख रहे हैं। बाबा रामदेव से हरिद्वार में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जब प्रकाश साहू ने योग शिविर लगाकर लोगों को योग कराने के लिए प्रेरित किया तो लोग इतना प्रभावित हुए कि योग शिविर में संख्या बढ़ने लगी है। जगह न मिलने पर सड़क पर शिविर लगाना पड़ा। यह सिलसिला कई वर्षों तक चलता रहा। बाद में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमार राज से अनुरोध करने पर उन्होंने शहर के अवस्थी पार्क में योग करने के लिए एक चबूतरा बनवा दिया। इसी चबूतरे में बैठकर प्रकाश साहू जाड़ा हो या गर्मी प्रतिदिन शिविर लगाते हैं। शिविर में महिलाओं-पुरुषों की बराबर भागीदारी प्रकाश साहू के शिविर में जितने पुरुष आते हैं लगभग उतनी ही महिलाओं की भागीदारी होती है। इनमें अधिकांश लोग नियमित शिविर में आते हैं।इनका शिविर तड़के 5 बजे से 7 बजे तक चलता है।इस दौरान वह विभिन्न आसनों के माध्यमों से योग से निरोग रहने के गुर सिखाते हैं। स्वयं बिछाते हैं चादर योग गुरु प्रकाश साहू शिविर शुरू होने से पहले तड़के 4 बजे योग स्थल पर पहुंच जाते हैं और दरी बिछाने का काम स्वयं करते हैं।वह निशुल्क योग सिखाते हैं इसके बदले में किसी से किसी तरह के कोई प्रतिफल की लालसा भी नहीं रखते है।उनकी त्याग तपस्या का फल है कि आज हजारों लोग उनसे योग सीखने के बाद अपने घरों में भी रहकर योग करके अपने आप को स्वस्थ रखते हैं। छोटेलाल त्रिपाठी बने योग गुरु प्रकाश साहू बताते हैं कि बांदा में जब सबसे पहला योग शिविर लगा था तब इस शिविर में इलाहाबाद के योग गुरु छोटे लाल त्रिपाठी योग सिखा रहे थे।मैं उस शिविर में शामिल हुआ और मुझे धीरे धीरे शिविर में अच्छा लगने लगा।बताते हैं कि मैं हॉकी का खिलाड़ी रहा हूं और कुश्ती कला में भी पारंगत रहा हूं लेकिन इसी दौरान एक दुर्घटना में मैं चलने फिरने में असमर्थ हो गया था, परंतु योग के बल पर ही अपने आप को एक बार फिर फिट करने में कामयाब रहा और तभी मैंने संकल्प लिया कि इस योग विद्या के जरिए अपने मित्रों को असाध्य बीमारियों से बचाने के लिए प्रेरित करूंगा।इस इस बीच मुझे हरिद्वार जाने का मौका मिला। जहां योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण में योग विद्या के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान प्राप्त किया, और वहां से लौटने के बाद मैंने लोगों को स्वस्थ रहने के लिए योग सीखने की प्रेरणा दी। रोग में योग कारगर वह बताते हैं कि योग से रोग को दूर भगाया जा सकता है।रोग से सेहत संभालने में थोड़ा वक्त जरूर लगता है, लेकिन इसका असर रामबाण होता है।योग में मात्र कुछ आसनों के करने से तमाम असाध्य बीमारियां दूर हो जाती हैं जो व्यक्ति प्रतिदिन योग करते हैं उनके पास बीमारियां फटकने तक नहीं पाती। बीमारियों को हराने में मिली कामयाबी शिविर में प्रतिदिन आने वाली साधना सिंह बताती हैं कि योग के कारण फिजिकल बॉडी फिट रहती है,मन को शांति मिलती है साथ ही शरीर मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखने में योग कारगर है।वहीं रामनरेश व रहमान आदि का कहना है कि योग से जहां शरीर मजबूत होता है उन्हीं आत्मबल भी मजबूत होता है। कुल मिलाकर साल के पूरे 365 दिन लगातार शिविर चलाने वाले प्रकाश साहू 70 वर्ष की उम्र को पार करने के बाद भी खुद फिट हैं और दूसरों को भी स्वस्थ रहने की प्रेरणा देते हैं बल्कि उन्हें योग शिविर में लाकर योग के प्रति प्रेरित करते हैं। उनके इस त्याग और तपस्या के कारण ही लोग उनके कायल हैं। अंत में उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से बचने के लिए हम सबको घर पर रहकर योग दिवस मना रहें है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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