निमोनिया व दूसरी बिमारियों का पता लगाने में उपयोगी हो सकती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
निमोनिया व दूसरी बिमारियों का पता लगाने में उपयोगी हो सकती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

निमोनिया व दूसरी बिमारियों का पता लगाने में उपयोगी हो सकती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स), निमोनिया और दूसरी बीमारियों का पता लगाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक उपयोगी हो सकती है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ डॉ वैभव आनंद देशपांडे ने यह बात कही है। राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), नागपुर द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन परिचर्चा को संबोधित करते हुए देशपांडे ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम (यूके) की कंपनी एआई फॉर वर्ल्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देशपांडे ने वैज्ञानिकों से ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने का आग्रह किया है, जो छाती के एक्स-रे की मदद से कोविड-19 का पता लगा सके। उन्होंने बताया कि अस्पतालों के प्रबंधन और आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की नागपुर स्थित प्रयोगशाला नीरी द्वारा ‘फाइट अगेंस्ट कोविड-19: ए पीक इन टू ग्लोबल सीन’ विषय पर हाल में यह परिचर्चा आयोजित की गई थी। इसमें डॉ देशपांडे के अलावा सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे, जापान की राजधानी टोक्यो की एजोगवा सिटी के काउंसलर योगेंद्र पुराणिक, चीन की दवा कंपनी वीपी फार्मा से जुड़े डॉ दीपक हेगड़े, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल,फ्लोरिडा से जुड़ीं डॉ अस्मिता गुप्ते, केईएम अस्पताल, मुंबई की डॉ अमिता अठावले, अमेरिका की कंपनी पीस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं केमिकल एन्वायरमेंटल इंजीनियर डॉ विक्रम पत्रकिने और सीएसआईआर-एनसीएल, पुणे के वैज्ञानिक डॉ अमोल कुलकर्णी समेत देश-विदेश के विशेषज्ञ शामिल थे। इस मौके पर डॉ मांडे ने कोविड-19 से लड़ने के लिए सीएसआईआर द्वारा निर्धारित किए गए पाँच आयामों– डिजिटल एवं आणविक निगरानी, त्वरित एवं किफायती निदान, नई दवाओं का विकास व दूसरी बीमारियों की दवाओं का कोविड-19 के उपचार में उपयोग, अस्पतालों की सहायक सामग्री एवं निजी सुरक्षा उपकरण और आपूर्ति श्रृंखला व रसद समर्थन प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर दस दवाओं के चिकित्सीय परीक्षण पर काम कर रहा है। सीएसआईआर से संबंधित संस्थान विभिन्न कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सीएसआईआर निजी सुरक्षा उपकरणों के विकास व नैदानिक तकनीकों के लिए रिलायंस, अस्पतालों के सहायक उपकरणों के लिए टाटा, डिजिटल व आणविक निगरानी के लिए टीसीएस एवं इंटेल, दवाओं की रिपर्पजिंग के लिए सिप्ला, कोरोना वायरस थेरैपी के लिए कैडिला, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन के विकास के लिए भारत बायोटेक, इलेक्ट्रोस्टेटिक स्प्रे व वेंटिलेटर विकास के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड और थर्मोमीटर व ऑक्सीजन संवर्द्धन यूनिट के विकास के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ काम कर रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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