दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय अनाथालय बनकर रह गया : दिव्यांग संघ
दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय अनाथालय बनकर रह गया : दिव्यांग संघ

दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय अनाथालय बनकर रह गया : दिव्यांग संघ

जगदलपुर, 18 सितंबर (हि.स.)। बस्तर संभागीय दिव्यांग विकास संघ के सदस्यों ने कहा कि संभाग मुख्यालय के आड़ावाल में स्थित दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय में सुविधाओं के अभाव, शिक्षकों की कमी से विद्यालय केवल अनाथालय बनकर रह गया है। शुक्रवार को पत्रकार भवन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान संघ के सदस्यों ने बताया कि लंबे समय से दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। एक ही शिक्षक के भरोसे कक्षा दसवीं तक की पढ़ाई संचालित हो रही है, इससे छात्र-छात्राओं के शिक्षा का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। दिव्यांग विकास संघ के सचिव जुगधर रामकश्यप ने बताया कि इस संबंध में संभागीय दिव्यांग विकास संघ के द्वारा मुख्यमंत्री को कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थविद्यालय में अतिथि शिक्षकों की भर्ती, निर्माण हो चुके नेत्रहीन कन्या छात्रावास को तत्काल चालू करने, दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय को 50 सीट से बढ़ाकर100 सीट करने तथा विद्यालय को शिक्षा विभाग में संविलियन किए जाने की मांग रखी गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इसका संचालन समाज कल्याण विभाग कर रहा है। जुगधर राम कश्यप ने बताया कि वर्तमान में मात्र एक शिक्षक के द्वारा दसवीं तक के छात्र छात्राओं को कैसे संचालित कर रहे हैं यह समझ से परे है।दिव्यांग पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1500 सौ रुपये करने की जरूरत है। संघ के सदस्यों ने बताया कि बस्तर संभाग में कई दिव्यांगयुवक बेरोजगार हैं, जिन्हें शासन के तरफ से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। शासन दिव्यांग जनों के विकास का दावा करती है, इसका कोई लाभ दिव्यांगजनो नहीं हो रहा है। उन्होने छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध किया है कि कम से कम दिव्यांग जनों को सम्मान पूर्वक रोजगार की व्यवस्था की जावे। प्रेस वार्ता में दिव्यांग संघ के मीडिया प्रभारी मुन्नालाल कश्यप, प्रवक्ता श्रींकांत पांडे और कोषाध्यक्ष प्रेमराम बघेल मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/राकेशपांडे-hindusthansamachar.in

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