त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा के शिकार 7 परिवारों के एक-एक सदस्य को मिलेगी नौकरी : मुख्यमंत्री
त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा के शिकार 7 परिवारों के एक-एक सदस्य को मिलेगी नौकरी : मुख्यमंत्री

त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा के शिकार 7 परिवारों के एक-एक सदस्य को मिलेगी नौकरी : मुख्यमंत्री

अगरतला, 26 दिसम्बर (हि.स.) । त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा के शिकार 7 परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया गया है। यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने भाजपा कार्यकर्ता चैन मोहन के त्रिपुरा स्व-बलिदान दिवस समारोह में भाग लेने के अवसर पर कही। यह स्व-बलिदान दिवस समारोह त्रिपुरा के धलाई जिले के गंडाचारा में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री देव ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चैन मोहन, त्रिपुरा की याद में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। कहा, भारतीय जनता पार्टी की सरकार आज चैन मोहन त्रिपुरा जैसे कई शहीदों के बलिदानों से त्रिपुरा की धरती पर स्थापित हुई है। ऐसे उन सात परिवारों में चैन मोहन त्रिपुरा की पत्नी को भी नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान गंडाचारा को पिछड़े क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया था। इस क्षेत्र के विकास में कोई पहल नहीं हुई। लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उस धारणा को तोड़ दिया है। गंडाचारा में विकास हो रहा है, रोजगार का सृजन हो रहा है। पर्यटन उद्योग के विकास के लिए नारियलकुंज को पुनर्निर्मित करने के काम चल रहा है। यही नहीं अत्याधुनिक नावें डंबूर झील पर आ गई हैं और एक हेलीपैड बनाया जा रहा है। उन्होंने दृड़ता के साथ कहा, आज त्रिपुरा में बाँस के बिस्कुट से लेकर बाँस की बोतलें दुनिया भर में फैल रही हैं। इसे दुबई के बाजार में अच्छी कीमतों पर बेचा जा रहा है। इन बांस की बोतलों को बनाने का व्यवसाय बहुत कम पूंजी से किया जा सकता है। इसलिए मैंने त्रिपुरा ग्रामीण बैंक को भी इस संबंध में पहल करने के लिए कहा है कि वे आदिवासी क्षेत्रों में प्रशिक्षण के साथ स्वयं सहायता समूह को ऋण प्रदान करें। उन्होंने कहा कि पहले जनजातियों को आदिवासी कहकर अनादर किया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यायिक सरकार के आने के बाद, विभाग का नाम आदिवासी कल्याण से बदलकर जनजाति कल्याण कर दिया गया है। उन्होंने गंडाचारा के लोगों से अपील की कि जनजाति के लोग अगले एडीसी चुनाव में अपना फैसला देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां विकास कार्य चल रहे हैं, सरकार रोजगार के लिए काम कर रही है। लेकिन सरकार उग्रबाद के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। कई एनएलएफटी उग्रवादियाें ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने साफ कहा केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार और राज्य में उनकी विचारधारा की सरकार चल रही है। किसी भी उग्रवादी को यहां रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उग्रवादियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, अत्यंत व्यथित हृदय से में चैन मोहन त्रिपुरा के बच्चों से मिला और उनकी कुशल मंगल प्रार्थना करता हूं। साथ ही कहा की पार्टी और सरकार उन परिवारों के जीवन-यापन और सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही राजनीतिक हिंसा में मारे गए सात लोगों के परिवारों में से हर परिवार से एक-एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला कर चुकी है। चैन मोहन त्रिपुरा की पत्नी को भी इसमें नौकरी मिलेगी। पार्टी और सरकार उनके बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हर संभव तरीके से उनके साथ खड़ी रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/रामानुज-hindusthansamachar.in

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