जानू लोग दिल तोड़कर बड़े सादगी से कहते है मजबूर थे हम
जानू लोग दिल तोड़कर बड़े सादगी से कहते है मजबूर थे हम

जानू लोग दिल तोड़कर बड़े सादगी से कहते है मजबूर थे हम

आँखों में लगाकर काजल, जुल्फों मे बसाकर बादल ए मेरे सनम तुम कहा चले, हवा मे ल़हरा कर आँचल,रूठ कर तेरी जुल्फों से चाँद भी सहम गया दागदार तो था ही बादलों में भी छिप गया । क्लिक »-newsindialive.in

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