ग्रामीण अंचलों में भी दिखाई दे रहा तालाबंदी का असर, आवागमन पूरी तरह बंद
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ग्रामीण अंचलों में भी दिखाई दे रहा तालाबंदी का असर, आवागमन पूरी तरह बंद

ग्रामीण अंचलों में भी दिखाई दे रहा तालाबंदी का असर, आवागमन पूरी तरह बंद बुरहानपुर/धूलकोट, 31 मार्च (हि.स.)। देशभर में तालाबंदी का असर देखने को मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र भी तालाबंदी से अछूते नहीं है। जिले के धूलकोट क्षेत्र में भी आवागमन के साधन पूरी तरह बंद है। क्षेत्र की सडक़ों पर सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। कहीं से कहीं तक बड़े वाहन सडक़ों पर चलते नजर नहीं आ रहे हैं। तालाबंदी के चलते क्षेत्र मे वीरानी छा गई है। मजदूर वर्ग के लोग आवागमन के साधनों के अभाव में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पैदल ही पहूच रहे हैं। धीरे-धीरे गांवों में भी सन्नाटा पसर रहा है। क्षेत्र में सिर्फ मेडिकल एवं दूध की दुकानें समय समय पर खुल रही है। बाकी सभी व्यापारिक संस्थान बंद पड़े हुए हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर पैदल जा रहे ग्रामीण..... मंगलवार के दिन तपती धूप मे एक आदिवासी महिला अपने पांच बच्चों को लेकर पैदल रोहणी से पिपराना जा रही थी। महिला की गोंद मे एक 15 दिन का नवजात शिशु भी था। महिला की दूसरी लडक़ी सिर पर सामान का बोझ लेकर चल रही थी। उससे पूछा गया कि आप कहां जा रही है, तो महिला ने बताया कि मैं होली पर्व मनाने अपने मायके गई थी। वहां पर मुझे डिलेवरी हुई। अब बच्चा 15 दिन हो गया है, इसलिए अपने ससुराल पिपराना जा रही हूं। महिला के पांच बच्चे थे। जिनकी उम्र 15 दिन से लेकर 10 वर्ष थी। महिला तपती धूप मे अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ रोहणी से पिपराना 14 किलोमीटर पैदल ही गई। तालाबंदी होने के चलते आवागमन के साधन पूरे बंद है। इसलिए क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण जंगल के रास्ते पैदल ही एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंच रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / नीलेश / मुकेश-hindusthansamachar.in

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