गोधन न्याय योजना के सुचारू रूप से संचालन पर कलेक्टर ने दिया जोर
गोधन न्याय योजना के सुचारू रूप से संचालन पर कलेक्टर ने दिया जोर

गोधन न्याय योजना के सुचारू रूप से संचालन पर कलेक्टर ने दिया जोर

धमतरी, 23 दिसम्बर (हि.स.) । गोधन न्याय योजना की जिलास्तरीय समीक्षा बैठक बुधवार को नगरपालिक निगम धमतरी के सामुदायिक भवन में हुई। कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने बैठक में मौजूद कृषि एवं संबंधित विभाग तथा पंचायत विभाग के अधिकारियों को कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्ती योजना है, अतः इसका सुचारू रूप से संचालन जिले में किया जाना चाहिए। उन्होंने गौठानों में गुणवत्तापूर्ण वर्मी खाद तैयार करने पर जोर दिया, जिससे उसकी बिक्री संभव हो। हर गौठान के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी हर सप्ताह गौठान का दौरा कर रिपोर्टिंग करना सुनिश्चित करेंगे। कृषि विभाग का अमला रबी और खरीफ मौसम में गांव में वर्मी तथा कच्चे गोबर की मांग, उसकी कीमत क्या होनी चाहिए? इसका घर-घर जाकर सर्वे कर पंद्रह दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गौठान को मल्टी एक्टिविटी केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है, जिससे विभिन्न आजीविका गतिविधियां वहां संचालित करके वर्मी खाद बनाने में लगे समूह की महिलाओं की आय के स्रोत बढ़ाए जा सकें। इसमें उद्यानिकी फसल, सब्जी उत्पादन के लिए किट, मुर्गी, बकरी पालन शेड, दोना-पत्तल की इकाई, पेपर बैग बनाने की इकाई, बुक बाईंडिंग, बांस शिल्प, टेरा कोटा, सिलाई संबंधी इत्यादि कार्यों को लिया जा सकता है। जिससे कि विलेज इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जा सके। इसके लिए 20 गौठान का चयन करने पर कलेक्टर ने जोर दिया। इसमें विभागीय अभिसरण से मल्टी एक्टिविटी के कार्य किए जाने की योजना है। जिले में 323 पंचायत में 349 गौठान मनरेगा से स्वीकृत किए गए हैं। गौठानों में दो हजार 190 वर्मी टैंक स्वीकृत किया गया है। अब तक एक हजार 678 टैंक बन गए, 294 प्रगतिरत हैं। इसी तरह स्वीकृत एक हजार पांच नाडेप टैंक में से 692 पूर्ण तथा 138 प्रगतिरत हैं। बताया गया कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत से अब तक 160 गौठानों में छः हजार 321 हितग्राहियों से 281 लाख रुपये की 14 हजार क्विंटल गोबर खरीद की गई है। जिला पंचायत सीईओ नम्रता गांधी ने कहा कि नवंबर माह तक गोबर खरीदी का भुगतान समितियों को कर दिया गया है, अगर किसी कारणवश किसी समिति में हितग्राहियों को भुगतान नहीं हुआ है तो, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सचिव से हर 15 दिनों में इसकी जानकारी लेकर भुगतान सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि इन गौठानों में अब तक आठ हजार 611 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया गया है। इसमें से 400 क्विंटल वर्मी खाद बेचा गया है, जिसमें 150 क्विंटल अकेले उद्यानिकी विभाग ने खरीदा है। खरीफ सीजन के हिसाब से जिले में हर गौठान में 225 टन पैरा की आवश्यकता होगी। इसके हिसाब से गौठानों में प्राथमिक तौर पर 40 टन पैरा संग्रहण किया जाना है। सभी गौठानों में पैरा दान को 40 टन करना है। बताया गया कि 15 नवंबर से अब तक 189 गौठानों में कुल एक हजार 526 टन पैरा दान हितग्राहियों द्वारा किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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