गुरु घासीदास सम्मान पुरस्कार की घोषणा नहीं करना अनुसूचित जाति का अपमान, सौंपा ज्ञापन
गुरु घासीदास सम्मान पुरस्कार की घोषणा नहीं करना अनुसूचित जाति का अपमान, सौंपा ज्ञापन

गुरु घासीदास सम्मान पुरस्कार की घोषणा नहीं करना अनुसूचित जाति का अपमान, सौंपा ज्ञापन

दुर्ग, 02 नवंबर (हि. स.)। छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार 2020 के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा सामाजिक चेतना और सामाजिक न्याय के लिए दिए जाने वाले गुरु घासीदास सम्मान की घोषणा स्थापना दिवस पर नहीं करके प्रदेश के अनुसूचित जाति समाज की भावनाओं को ठेस पहुची हैं। प्रदेश सरकार के इस दोयम दर्जे के व्यवहार से सतनामी समाज के आराध्य संत गुरु घासीदास की उपेक्षा से समाज अपमानित हुआ है। भाजपा जिला भिलाई के अध्यक्ष राज महंत सांवलाराम डाहरे द्वारा सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश दुर्ग डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र ही गुरु घासीदास सम्मान की घोषणा करने का आग्रह किया है। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के दिन सतनाम पंथ के संस्थापक एवं महान सुधारक गुरु घासीदास की स्मृति में सामाजिक चेतना एवं जागरुकता के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति अथवा संस्था को प्रतिवर्ष 2 लाख का सम्मान दिया जाता था। किंतु 2020 के स्थापना दिवस में गुरु घासीदास सम्मान की घोषणा नहीं करने से समाज छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए निंदा करता है। सरकार के इस कृत्य से अनुसूचित जाति समाज में व्यापक असंतोष व्याप्त है भारतीय जनता पार्टी जिला भिलाई के जिलाध्यक्ष पूर्व विधायक अहिवारा एवं सतनामी समाज के राज महंत सांवलाराम डाहरे के नेतृत्व में महामंत्री खिलावन साहू, अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष खगेश कोसरिया, महामंत्री सुजीत गोयल, रमेश चौधरी,कमलेश गोयल एवम ओम प्रकाश चौधरी ने मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सौपा। सरकार अनुसूचित जाति समाज का अपमान करना बंद करें, औऱ गुरु घासीदास सम्मान की शीघ्र घोषणा करें, अन्यथा समाज सड़क की लड़ाई लड़ने को विवश होगा, जिसकी जवाबदारी छत्तीसगढ़ सरकार की होगी। हिन्दुस्थान समाचार/अभय जवादे-hindusthansamachar.in

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