कोविड-19 के दौरान भूतपूर्व सैनिकों द्वारा दिया गया योगदान सराहनीय : राज्‍यपाल उइके
कोविड-19 के दौरान भूतपूर्व सैनिकों द्वारा दिया गया योगदान सराहनीय : राज्‍यपाल उइके

कोविड-19 के दौरान भूतपूर्व सैनिकों द्वारा दिया गया योगदान सराहनीय : राज्‍यपाल उइके

अब भूतपूर्व सैनिकों को राज्य सैनिक बोर्ड में ऑनलाइन आवेदन करने की मिलेगी सुविधा राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य सैनिक बोर्ड की राज्य प्रबंधन समिति की हुई ऑनलाइन बैठक, लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय रायपुर, 05 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के भूतपूर्व सैनिकों को राज्य सैनिक बोर्ड छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं तथा आर्थिक सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के रिकार्ड का भी डिजिटलाइजेशन किये जाएंगे। इससे भूतपूर्व सैनिकों को ऑफलाइन आवेदन करने में होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी। इसके लिए एक साॅफ्टवेयर भी बनाया जाएगा। यह निर्णय राज्यपाल अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित राज्य सैनिक बोर्ड की अमलगेटेड स्पेशल फंड के राज्य प्रबंधन समिति की ऑनलाइन बैठक में लिया गया। राजभवन में हुई इस बैठक में राज्यपाल ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सर्वाधिक धनराशि एकत्रित करने वाले कलेक्टर एवं जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को गवर्नर ट्राफी से सम्मानित किया। राज्यपाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि आज की बैठक में लिए गये निर्णय से भूतपूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं एवं उनके आश्रितों को अवश्य लाभ प्राप्त होगा। गत 14 मार्च 2020 को छत्तीसगढ़ के 26 वीर नारियों एवं माताओं का राजभवन में पहली बार सम्मान किया गया जो कि अत्यंत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पूर्व सैनिकों द्वारा जनसेवा में जो योगदान दिया, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि हमारे भूतपूर्व सैनिक कठिन परिस्थितियों में सदैव आगे बढ़कर निःस्वार्थ सेवा प्रदान करेंगे। राज्यपाल ने कैंसर से पीड़ित भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को आयुष्मान भारत योजना के तहत चिन्हित अस्पतालों में तथा अन्य शासकीय अस्पतालों में इलाज कराने के भी निर्देश दिए। बैठक में कैंसर से पीड़ित भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को दी जाने वाली सहायता राशि को 25 हजार रुपये निर्धारित करने का निर्णय लिया गया। राज्यपाल ने कहा कि इस बीमारी के इलाज में काफी धनराशि खर्च होती है। अतः उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। बैठक में भूतपूर्व सैनिकों के दिव्यांग (मानसिक रूप से) बच्चों को दी जाने वाले सहायता राशि देने का दायरा बढ़ाया गया है। पहले केवल 100 प्रतिशत दिव्यांगता पर ही सहायता दी जाती है, लेकिन अब दिव्यांगता (मानसिक रूप से) की विभिन्न श्रेणियों के तहत आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया। इसके तहत 100 प्रतिशत से कम दिव्यांगता होने पर 1500 रुपये, 50 प्रतिशत से कम में 700 रुपये और 25 प्रतिशत से कम में 500 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान किया गया। साथ ही इस बैठक में भूतपूर्व सैनिक की मृत्यु पष्चात् उनके विधवा/उत्तराधिकारी को मिलने वाली मृत्यु अनुदान राशि को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई। भारतीय रक्षा सेवाओं में प्रवेष के लिए होने वाली सर्विस सेलेक्षन बोर्ड परीक्षा के पूर्व प्रशिक्षण के लिए आर्थिक अनुदान 5,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये किया गया। सुश्री उइके ने कहा कि इससे बच्चों को कोचिंग प्राप्त करने में सुविधा होगी। राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में भूतपूर्व सैनिकों की 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पष्चात् मिलने वाली 15,000/- रुपये की सम्मान राशि में प्रति 10 वर्ष पष्चात् 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी किये जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में सामाजिक गतिविधियों और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए कार्यालय के साथ एक हॉल मुहैया कराने तथा भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रावास को किराये पर लिये जाने का सुझाव दिया गया। राज्यपाल ने सुझाव पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर वर्ष 2017 में सर्वाधिक धनराशि एकत्रित करने के लिए दुर्ग जिले के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे को प्रथम पुरस्कार और रायपुर जिले के कलेक्टर एस. भारतीदासन को दूसरा पुरस्कार दिया गया। इसी तरह वर्ष 2018 में सर्वाधिक धनराशि एकत्रित करने के लिए रायपुर जिले के कलेक्टर एस. भारतीदासन को प्रथम पुरस्कार और दुर्ग जिले के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे को दूसरा पुरस्कार दिया गया हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल-hindusthansamachar.in

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