कोरोना काल में अनुसंधान कार्य प्रभावित होने पर चिंतन
कोरोना काल में अनुसंधान कार्य प्रभावित होने पर चिंतन

कोरोना काल में अनुसंधान कार्य प्रभावित होने पर चिंतन

नई टिहरी, 20 जून (हि.स.)। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय बादशाहीथौल एवं पीजी कालेज नई टिहरी के भौतिक विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में वैज्ञानिकों ने कोरोना के कारण विश्वविद्यालय शोध कार्य व्यापक रूप से प्रभावित होने पर चिंता जताई है। वेबिनार के प्रथम सत्र में अमेरिका के वैज्ञानिक प्रो. भगवती जोशी नें विश्व में सिलिकान वैली पर कोविड-19 के प्रभाव के कारणों एवं शोध कार्यों पर उसके प्रभाव, हंगरी के भौतिक विज्ञानी प्रो. तैबोर कोवास ने रेडियो रसायन विज्ञान एवं रेडियो शिक्षा में प्रभाव, जर्मनी के वैज्ञानिक प्रो. पीटर वौसयू ने कोरोना महामारी में घर में बैठाकर कार्य संस्कृति एवं उनके आगामी प्रभाव पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. आरसी रमोला ने की। द्वितीय सत्र में जापान के युवा वैज्ञानिक डॉ. सुभाष नेगी ने कोविड-19 का जापान पर प्रभाव एवं उसकी रोकथाम, दिल्ली विश्वविद्यालय के नरेन्द्र नेगी ने उत्तराखण्ड और दिल्ली एनसीआर के प्राकृतिक वातावरण पर कोरोना के प्रभाव, प्रो. आरसी तिवाड़ी ने मिजोरम में शिक्षा एवं शोध कार्यों पर कोविड-19 के प्रभाव पर अपना व्याख्यान दिया। सत्र की अध्यक्षता प्रो. पीडी सेमल्टी ने की। वेबिनार के संयोजक प्रो. आरसी रमोला ने कहा कि वेबिनार की रिपोर्ट भारत सरकार एवं यूजीसी को सौंपी जायेगी। आयोजक सचिव डॉ. कुलदीप सिंह रावत ने आभार व्यक्त किया। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in