कथक की उच्च शिक्षा हेतु चित्रांशी का चयन बीएचयू में
रायगढ़, 21 नवंबर (हि.स.)। कथक नृत्य के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम चित्रांशी पाणिकर का चयन कत्थक उच्च शिक्षा हेतु बीएचयू में हुआ है। बचपन से ही कथक नृत्य के क्षेत्र में रायगढ़ का नाम राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाली चित्रांशी ने उक्त कठिन प्रवेश परीक्षा में चयनित होकर एक बार फिर अपनी व रायगढ़ की कला क्षमता को साबित किया है। अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार एवं अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति से कत्थक को प्रसारित करने वाली चित्रांशी उक्त विषय को उच्च शिक्षा के रूप में चुनकर तथा रायगढ़ कथक के लिए समर्पित होकर इस क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती है। भारत सरकार की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली चित्रांशी स्थानीय अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित संगीत संस्था श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय की छात्रा है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नर्तक व गुरु श्री शरद वैष्णव की प्रिय शिष्याओं में से एक चित्रांशी को नृत्य की प्रेरणा भरतनाट्यम नृत्यांगना अपनी दादी सीता पणिकर से मिली, भारत भर से शामिल हुए सैकड़ों प्रतिभागियों के मध्य सिर्फ 20 सीट हेतु हुए कड़ी प्रतिस्पर्धा में चित्रांशी ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर निशुल्क सीट पर कब्जा जमाया है। शनिवार को बातचीत में चित्रांशी ने बताया कि स्पर्धा बड़ी हो जाती है तथा कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। मेरे पिता एन के पणिकर वह मेरी माता प्रिया पाणिकर के अथक व निरंतर प्रेरणा व मेरे श्रद्धेय गुरु शरद वैष्णव की शिक्षा व आशीर्वाद से ही यह संभव हो पाया इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को चित्रांशी यह संदेश देना चाहती है कि बाहर से अत्यंत कठिन दिखने वाली यह कला अभिभावक के उचित संरक्षण , मार्गदर्शन ,योग्य गुरु के मिलने व निरंतर अभ्यास से यह विद्या अत्यंत सरल हो जाती है अतः किसी भी कला को धैर्य के साथ आत्मसात करें। चित्रांशी की उपलब्धि हेतु अनेक साहित्यिक संस्थाओं व कला प्रेमियों के बधाई व आशीर्वाद संदेश प्राप्त हो रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान-hindusthansamachar.in