उत्तराखंडः सीमांत क्षेत्र के सभी गांव डेढ़ साल में इंटरनेट से जुड़ जाएंगेः त्रिवेन्द्र
उत्तराखंडः सीमांत क्षेत्र के सभी गांव डेढ़ साल में इंटरनेट से जुड़ जाएंगेः त्रिवेन्द्र

उत्तराखंडः सीमांत क्षेत्र के सभी गांव डेढ़ साल में इंटरनेट से जुड़ जाएंगेः त्रिवेन्द्र

देहरादून, 24 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि अगले डेढ़ साल के भीतर उत्तराखंड के प्रत्येक हिस्से में इंटरनेट की पहुंच हो जाएगी। सीमांत क्षेत्र के भी सभी गांव इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। वह बुधवार को वर्चुअल रैली के माध्यम से पिथौरागढ़ के लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास कोरोना से निपटने के लिए न धन की न ही चिकित्सा उपकरणों, डॉक्टरों, लैब और अस्पतालों की कोई कमी है। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और जिला अधिकारियों को मौके पर हर तरह की जरूरत को पूरा करने के अधिकार दिए गए हैं। राज्य के ग्राम प्रधानों ने अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाया है। राज्य में पुलिस ने जिस तरह से मित्र पुलिस का रोल निभाया है, वह अपने आप में अनुकरणीय है। आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से आगे बढ़ करके अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है, कोरोना से निपटने में उनकी चौतरफा तारीफ हो रही है। लोग फूल बरसा कर उनका स्वागत कर रहे हैं। राज्य में जनप्रतिनिधियों और ग्राम प्रधानों की जो सकारात्मक भूमिका कोरोना काल में रही है, उसकी हर कोई शासन-प्रशासन में तारीफ कर रहा है। राज्य में प्रवासियों के लिए रोजगार के अवसर सुलभ कराने की चर्चा करते हुए त्रिवेंद्र ने कहा कि सरकार ने राज्य में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू की है, जिसमें तमाम तरह के रोजगार व उद्योग के लिए करीब डेढ़ सौ योजनाएं हैं। इसके अंतर्गत ऋण लेकर लोग अपना रोजगार कर सकते हैं। हमने बसों के लिए 30 प्रतिशत मिलने वाली सब्सिडी बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी है। बाइक टैक्सी के लिए भी इसमें व्यवस्था की गई है, जिस पर 2 साल तक किस्त पर जो ब्याज होगा उसे पूरी तरह से सरकार भुगतान करेगी। को-ऑपरेटिव बैंकों के माध्यम से इसके लिए ऋण देने की व्यवस्था की गई है। सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जिलों के लीड बैंक अधिकारियों के साथ जिला अधिकारी खुद बैठक करके इस योजना को अमल में लाएंगे। बैंकों ने भी यह कहा है कि उत्तराखंड के लोग बहुत ही ईमानदार और मेहनती हैं और बैंकों का कोई पैसा यहां के लोग लेकर भागते नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट काल में राज्य के लोगों से मेरा आग्रह है कि वह अपना पूरा सहयोग करें। राज्य में आयुष्मान योजना के अंतर्गत 16 लाख परिवार इसके दायरे में आ चुके हैं। उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य है जहां अभी तक 1.82 लाख लोगों ने राज्य में इसका लाभ प्राप्त किया है और 162 करोड़ रुपये इस पर सरकार ने खर्च किये हैं। पिथौरागढ़ जिले में 4607 लोगों ने इसके अंतर्गत उपचार कराया है। इसके अंतर्गत पिथौरागढ़ के गरीब लोगों के इलाज पर 2 करोड़ 81 लाख रुपये खर्च हुए हैं। पिथौरागढ़ जिले में 1.60 लाख लोगों के पास गोल्डन कार्ड हैं और पिथौरागढ़ की कुल जनसंख्या 3.65 लाख है। जिले के आधे से अधिक लोगों के गोल्डन कार्ड बने हैं। पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए एजेंसी हायर कर ली गई और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यहां जिला अस्पताल को आईसीयू और वेंटिलेटर से सुसज्जित कर दिया गया है। जिले में पेयजल के लिए भूमिगत जल का दोहन करने के बजाय वर्षा जल संचयन करने की योजना पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि नैनी सैनी हवाई अड्डे से फ्लाइट सर्विस शुरू हो गई है और पिथौरागढ़ पर्यटन की दृष्टि से आने वाले समय में अत्यंत आधुनिक तरीके से विकसित होगा। तब इस ओर पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज का शुभारंभ किया जा चुका है। 2011 में अत्यंत रिकॉर्ड कम समय में काम किया गया, उस समय मैं इस महकमे का मंत्री था। पिथौरागढ़ में स्पोर्ट्स कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। लिपु पास रोड के निर्माण के अनुभवों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सामरिक दृष्टिकोण से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिथौरागढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी (अब हरिद्वार के जिलाधिकारी) रविशंकर से हमने कहा था कि जल्द से जल्द या सड़क बननी चाहिए और उसके बाद काम की जो प्रगति शुरू हुई, उसी का परिणाम है कि यह सड़क बन कर तैयार हो गई। यह सड़क पिथौरागढ़ या धारचूला के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह देश के सामरिक महत्व की है और कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होगी। उत्तराखंड में सीमांत क्षेत्र तक हमारी सड़कें पहुंच चुकी हैं, जो देश के लिए गौरव की बात है। धारचूला का विधायक भाजपा का नहीं है, इसके बावजूद हमने 28 करोड़ रुपये की राशि वहां की सड़कों के लिए दी गई है। ये सभी लोक निर्माण विभाग की सड़कें हैं। इसके अलावा भी अगर कोई डिमांड होगी तो उसे पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि हर घर तक नल से पानी पहुंचे, गैस कनेक्शन पहुंचे। इस पर पूरी तरह से हमारा काम जारी है। मैं राज्य के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि अगले डेढ़ साल में सीमा क्षेत्र के हमारे सभी गांव इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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