आर्थिक वृद्धि दर बढ़ाने के लिए ब्याज दर के अलावा और भी कई उपाय : शक्‍तिकांत दास

आर्थिक वृद्धि दर बढ़ाने के लिए ब्याज दर के अलावा और भी कई उपाय : शक्‍तिकांत दास

प्रजेश शंकर नई दिल्ली/मुंबई, 06 फरवरी (हि.स.)। आर्थिक वृद्धि दर की गति बढ़ाने के लिए मुख्य ब्याज दर में घटाने व बढ़ाने के अलावा और भी कई उपाय हैं। ये बात रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लगातार दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर स्थिर रखने के बाद गुरुवार को कही। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति बैठक में वित वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा परिणाम जारी करने के बाद यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर में जारी नरमी से निपटने के लिए कई अन्य उपाय हैं। बता दे कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर ही यथावत रखा है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि पिछली बैठक की तरह इस बार बैठक में रेपो दर यथावत रखे जाने को भविष्य के कदमों के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही इस बार का निर्णय अनुमानों के अनुरूप है, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भूमिका को कम नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि महंगाई का परिदृश्य बेहद अनिश्चत बना हुआ है। इसी आधार पर आरबीआई ने कहा कि अर्थव्यवस्था में अभी क्षमता से कम उत्पादन हो रहा है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.inNewsDetail?q=6ba2ff63a9cf881956cfcee57dadab16

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in